Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में पेट की समस्याएँ आम हो गई हैं। कब्ज़, पेट फूलना, गैस, भूख न लगना या बार-बार एसिडिटी होना आम बात हो गई है। गलत खान-पान, देर रात का खाना, तले हुए खाद्य पदार्थ और कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थों के कारण आंतों में अपशिष्ट जमा हो जाता है। रोज़ाना दही का सेवन करके आप इन समस्याओं से बच सकते हैं।
कब्ज़ से कैसे छुटकारा पाएँ? कई लोगों के मन में यह सवाल होता है। वे दवाइयों, चूर्णों और सिरप का सहारा लेते हैं, लेकिन ये अस्थायी उपाय हैं। असली, प्राकृतिक उपाय आपकी रसोई में ही मौजूद है। दही और इसबगुल का एक अद्भुत मिश्रण।
जी हाँ, दही में एक चम्मच ईसबगोल मिलाकर खाना पाचन तंत्र के लिए वरदान है। यह पेट को इतनी जल्दी साफ़ करता है कि कुछ ही दिनों में हल्कापन और आराम महसूस होता है। आयुर्वेद भी इसे आंतों की सफाई का एक कारगर और सुरक्षित तरीका मानता है।
ईसबगोल प्राकृतिक फाइबर से भरपूर होता है। यह आंतों में पानी सोखकर एक जेल जैसा आकार बना लेता है। यह जेल पुराने मल को ढीला करके बाहर निकालने में मदद करता है। दही इस प्रक्रिया को आसान बनाता है और मल को बाहर निकालने में मदद करता है।
दही और इसबगुल का सेवन आंतों को सक्रिय करता है जिससे कब्ज हमेशा के लिए दूर हो सकता है। दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं। इससे पाचन क्रिया बेहतर होती है, गैस और सीने की जलन से राहत मिलती है।
ईसबगोल गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थों को जल्दी बाहर निकाल देता है, जिससे पेट नरम रहता है। जब आंतों में जमा कचरा साफ़ होने लगता है, तो शरीर बेहतर तरीके से वसा जलाता है। यह मिश्रण भूख को भी नियंत्रित करता है और ज़्यादा खाने से रोकता है।




