नई दिल्ली, 25 अगस्त। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को भाजपा सांसद हंस राज हंस को बरी कर दिया, जिन पर 2019 के लोकसभा चुनावों में गलत चुनावी हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया गया था।
अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, हंस के खिलाफ राजेश लिलोथिया नाम के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज की थी, जिसने उन पर “जानबूझकर अपने हलफनामे में गलत जानकारी प्रस्तुत करने और अपनी संपत्ति और देनदारियों और अपने पति या पत्नी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने” का आरोप लगाया था।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र सिंह ने यह देखते हुए आदेश पारित किया कि “कोई भी प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता है” और तदनुसार “उनके खिलाफ कार्यवाही रोक दी जाती है और उन्हें छुट्टी दे दी जाती है”।
मामले में पुलिस चार्जशीट में कहा गया है कि हंस ने “अपनी और अपने परिवारों की शिक्षा योग्यता, कर देनदारियों के संबंध में अस्पष्ट जानकारी प्रदान की थी”।
आरोपों पर कि उन्होंने अपने बेटे की आय से संबंधित जानकारी नहीं दी, अदालत ने कहा कि “आरोपों को छोड़कर, अभियोजन पक्ष की ओर से यह साबित करने के लिए कोई सामग्री नहीं लाई गई है कि आरोपी के दोनों बेटे उस पर निर्भर हैं”।