अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने सीधे-सीधे चीन को धमकाते हुए कहा है कि विवादित समुद्र में चीन की मनमर्जी अब नहीं चलने दी जाएगी। इसके साथ ही कमला हैरिस ने चीन के खिलाफ एशिया में अपने सहयोगियों को एक जुट करने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। कमला हैरिस का सिंगापुर दौरा इसी को ध्यान में रखते हुए है। सिंगापुर में कमला हैरिस की टिप्पणी तब आई है, जब वाशिंगटन अशांत डोनाल्ड ट्रम्प युग के बाद एशिया में संबंधों को फिर से स्थापित करना चाहता है और बीजिंग की बढ़ती ताकत के खिलाफ एक बांध बनाना चाहता है। सिंगापुर के बाद कमला हैरिस वियतनाम के दौरे पर जाने वाली हैं। वियतनाम और चीन के बीच साउथ चायना सी में पहले से ही विवाद चल रहा है और माना जा रहा है कि कमला हैरिस के वियतनाम जाने के बाद साउथ चायना सी में अब विवाद काफी तेज हो सकता है।
एशिया में ‘युद्ध’ का नया चैप्टर
सिंगापुर दौरे पर पहुंची अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि अमेरिका का एशिया को लेकर एक कमिटमेंट है और किसी एक देश की दादाहिरी नहीं चलने दी जाएगी। उन्होंने सीधे तौर पर बीजिंग का नाम लेते हुए कहा कि ”बीजिंग लगातार साउथ चायना सी के बड़े हिस्से को अपना बताता है, उसपर दावा ठोकता है, और उसपर उकसावे वाली कार्रवाई करता है।” कमला हैरिस ने कहा कि, साउथ चायना सी में बीजिंग की क्रिया उकसाने वाली है, और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानून का उल्लंघन करने के साथ साथ कई देशों की संप्रभुता को चुनौती है।” उन्होंने कहा कि अमेरिका लगातार एशिया में अपने सहयोगियों के साथ खड़ा है और अगर किसी पार्टनर को धमकी मिलती है, तो अमेरिका उन धमकियों के सामने खड़ा है।
चीन पर सीधा निशाना
सिंगापुर में कमला हैरिस ने साफ कहा कि समुद्र में जहां भी समृद्ध संसाधन हैं, उसपर चीन अपना दावा ठोक देता है। वहीं साउथ चायना सी के जरिए हर साल अरबों रुपये का व्यापार होता है और इसपर चार दक्षिण-पूर्व एशियाई राज्यों के साथ-साथ ताइवान का भी इसपर उतना ही दावा है। आपको बता दें कि चीन पर एंटी शिप मिसाइ और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों सहित सैन्य हार्डवेयर हथियारों की पूरी श्रृंखला को तैनात करने का आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही चीन ने 2016 के अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण के एक फैसले की अनदेखी की, जिसमें उसने समुद्र के बड़े हिस्से पर ऐतिहासिक दावना ठोकते हुए उसे अपना घोषित कर लिया। वहीं, चीन के इस दावे के बाद साउथ चायना सी पर अधिकार रखने वाले बाकी देशों के साथ उसके तनाव काफी बढ़ गये हैं।
फिलीपींस और मलेशिया नाराज
फिलीपींस के स्पेशल इकोनॉमिक जोन के अंदर सैकड़ों चीनी नौकाओं को देखे जाने के बाद मनीला काफी नाराज हो गया था। वहीं, मलेशिया ने अपने तट से दिखाई देने वाले चीनी सैन्य विमानों को रोकने के लिए लड़ाकू जेट विमानों को भेज दिया, जिसके बाद चीनी सैन्य विमान वापस आ गये। आपको बता दें कि साउथ चायना सी और इंडो पैसिफिक में घेरने के लिए कई देश एक साथ आ चुके हैं। इंडो-पैसिफिक में क्वाड के जरिए चीन को घेरने की योजना है तो ताइवान को हड़पने की कोशिश में भी चीन लगा हुआ है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका ने चीन पर पूरा फोकस करने के लिए ही अफगानिस्तान से अपने कदम वापस खींचे हैं। वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने कमला हैरिस के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और उनके बयान को चीन के संप्रभुता के खिलाफ बताया है।