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भारतीय पर्वतीय महासभा द्वारा मनाया गया भारत रत्न प. गोविंद बल्लभ पंत की जयंती, जानिए

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लखनऊ । भारतीय पर्वतीय महासभा द्वारा भारत रत्न प. गोविंद बल्लभ पंत की जयंती बड़े धूम धाम से मनाई गई।

भारतीय पर्वतीय महासभा के राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर अनुपम सिंह भंडारी ने उनके बारे मे अपने विचार व्यक्त किए कि 10 सितंबर 1887 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा स्थित खूंट गांव में जन्मे गोविंद बल्लभ पंत ने वर्ष 1905 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। 1909 में कानून की परीक्षा सबसे अधिक अंकों से पास करने पर पंत जी को लैम्सेन अवार्ड दिया गया। इसके बाद उन्होंने अपने गृहनगर अल्मोड़ा आकर वकालत शुरू कर दी, और वे जीवन भर अंग्रेजी हुकूमत से भारतीय जनता के हक की लड़ाई लड़ते रहे और भारत रत्न प. गोविंद बल्लभ पंत ने केवल स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई वरन आजादी के बाद भी उन्होंने राष्ट्र के नवनिर्माण में अहम भूमिका निभाई। भारतीय संविधान में हिन्दी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिलाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।

आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डी के डालाकोटी ने की और बताया उत्तरप्रदेश के पहले और देश के रहे चाैथे गृह मंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने वर्ष 1921 में सक्रिय राजनीति में आए। वह लेजिस्लेटिव असेंबली में चुने गए। उस समय उत्तर प्रदेश, यूनाइटेड प्रोविंसेज ऑफ आगरा और अवध कहलाता था। 1932 में पंत देहरादून की जेल में बंद थे। इस दौरान उनकी जवाहर लाल नेहरू से मुलाकात हुई। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने अपने विचार व्यक्त किया महासभा के इस कार्यक्रम में आज दिनेश उप्रेती राजेंद्र त्रिपाठी चंचल बलवंत सिंह देवड़ी, शुभम, अमित पांडे ,प्रतीक बिष्ट आदि उपस्थित रहे।

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