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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : सपा नेता आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। शुक्रवार को कोर्ट ने उन्हें दो पासपोर्ट के मामले में सात साल की कैद और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इस मामले में अब्दुल्ला ही अकेले आरोपी थे।

यह मामला उनके राजनीतिक जीवन में एक और विवाद का हिस्सा बन गया है। इससे पहले दो जन्म प्रमाण पत्र और दो पैन कार्ड के मामलों में आजम खां और उनके परिवार के सदस्यों को सजा हो चुकी है। विशेष रूप से दो पैन कार्ड मामले में आजम खां और अब्दुल्ला फिलहाल जेल में बंद हैं।

अब्दुल्ला आजम की राजनीतिक और कानूनी चुनौतियाँ

अब्दुल्ला आजम ने 2017 से राजनीति में कदम रखा, और दो बार विधायक बने, लेकिन दोनों बार उनकी विधायकी चली गई।

दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में उन्हें 17 महीने जेल में रहना पड़ा, और जमानत पर आने के बाद 17 नवंबर को दो पैन कार्ड मामले में सजा सुनाई गई।

अब्बदुल्ला पर ताबड़तोड़ मुकदमे दर्ज हैं, पिता आजम खां की तरह ही।

मुकदमों की लंबी सूची

2019 में सपा सरकार के जाने के बाद जिले में 42 पुराने मुकदमे फिर से सक्रिय किए गए।

इसमें 2008 में मुरादाबाद के थाना छजलैट में दर्ज एक मामला भी शामिल है।

अब्दुल्ला को कुल 43 मुकदमों का सामना करना पड़ा, जिनमें से 41 अभी भी न्यायालय में विचाराधीन हैं।

सजा का मतलब

शुक्रवार का फैसला अब्दुल्ला की राजनीतिक और व्यक्तिगत चुनौतियों को और बढ़ा देगा।

दो पासपोर्ट मामले में कोर्ट ने उन्हें सात साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई, जिससे उन्हें पिता आजम खां के साथ जेल में रहना पड़ेगा।