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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बड़े रेलवे स्टेशनों पर सख्त निगरानी और चेकिंग अभियान के चलते शराब तस्करों ने छोटे और कम भीड़भाड़ वाले स्टेशनों को अपना नया ठिकाना बना लिया है। तस्कर चलती ट्रेनों में शराब से भरे बैगों को लावारिस स्थिति में छोड़ देते हैं और स्टेशन या आउटर के नजदीक पहुंचते ही चेन पुलिंग करके ट्रेन रोक देते हैं। गिरोह के अन्य सदस्य तुरंत बैग उतार लेते हैं।

यात्रियों के विरोध करने पर हिंसा और पथराव

हाल के दिनों में ऐसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। अगर यात्री इस तस्करी का विरोध करते हैं, तो अपराधी उनसे झगड़ते हैं और ट्रेनों पर पत्थर फेंकने से भी नहीं चूकते। पटना क्षेत्र में हाल ही में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिसमें यात्रियों से मारपीट और ट्रेन पर पथराव की शिकायतें सामने आई हैं।

तस्करी के नए तौर-तरीके

तस्कर अब अपने काम को अंजाम देने के लिए पिट्ठू बैग, ट्राली बैग और सामान्य झोले का उपयोग कर रहे हैं। वे इन बैगों को शौचालय के पास या सीट के नीचे रखकर दूर से निगरानी करते हैं। पुलिस चेकिंग के दौरान भले ही शराब जब्त कर ले, लेकिन अपराधी आमतौर पर फरार हो जाते हैं।

महिलाओं का इस्तेमाल भी हो रहा है

शराब तस्करी में अब महिलाओं का भी सक्रिय रूप से उपयोग हो रहा है। बीते शुक्रवार दानापुर रेलवे स्टेशन पर गोड्डा सुपरफास्ट से एक महिला को शराब के साथ गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से 98 लीटर शराब बरामद हुई।

हाल के कुछ बड़े मामले

सिपारा रेलवे गुमटी केस: 8 अप्रैल को परसा स्टेशन के निकट तस्करों ने बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस को रोककर शराब उतारी और पुलिस पर पत्थरबाजी की।

राजेंद्रनगर-गुलजारबाग केस: 11 मई को तस्करों ने गुरुमुखी एक्सप्रेस को रोका, यात्रियों के विरोध करने पर ट्रेन पर पत्थर फेंके, जिससे AC बोगी के शीशे टूट गए।

बिहटा स्टेशन मामला: 4 मई को रक्सौल कर्मभूमि एक्सप्रेस में बिहटा स्टेशन के निकट तस्करों ने यात्रियों के साथ मारपीट की और भारी मात्रा में शराब उतारी।

रेल पुलिस ने बढ़ाई सख्ती

रेलवे पुलिस ने अवैध शराब तस्करी रोकने के लिए "ऑपरेशन रेड" शुरू किया है। जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीम लगातार ट्रेनों की गहन जांच कर रही है। शुक्रवार को हुई कार्रवाई में एक महिला तस्कर को गिरफ्तार किया गया, जिससे 22 लीटर शराब जब्त की गई।