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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत के अंतिम गांव के रूप में प्रसिद्ध माणा गांव में 12 वर्षों बाद आयोजित पुष्कर कुंभ स्नान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आकर्षित कर रहा है। अलकनंदा और सरस्वती नदियों के संगम, जिसे केशवप्रयाग के नाम से जाना जाता है, में दक्षिण भारत से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।

आस्था का विशाल समागम

शनिवार को संगम स्थल पर लगभग 5,000 श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान कर पुण्य अर्जित किया। संगम में स्नान के साथ ही श्रद्धालु अपने पूर्वजों के लिए पिंडदान और तर्पण जैसे अनुष्ठान भी कर रहे हैं। धार्मिक आस्था और श्रद्धा का यह महोत्सव स्थानीय निवासियों के लिए भी खुशी का अवसर बन गया है।

14 से 26 मई तक आयोजन

पुष्कर कुंभ का यह आयोजन 14 मई से शुरू होकर 26 मई तक चलेगा। बदरीनाथ धाम से मात्र तीन किलोमीटर आगे स्थित केशव प्रयाग में अब तक आठ हजार से अधिक श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस सक्रिय रूप से सहायता प्रदान कर रही है।

रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा

माणा गांव में श्रद्धालुओं की भारी संख्या के कारण सभी स्थानीय होमस्टे बुक हो चुके हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है। पर्यटक और श्रद्धालु आसपास के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों जैसे भीमपुल, व्यास गुफा, गणेश गुफा और सहस्रधारा के दर्शन भी कर रहे हैं।

दक्षिण भारत में विशेष महत्व

दक्षिण भारतीय श्रद्धालुओं के लिए पुष्कर कुंभ का विशेष महत्व है, जिससे इस आयोजन की महत्ता और बढ़ जाती है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण भविष्य में इस आयोजन के लिए अधिक व्यापक इंतजामों की आवश्यकता महसूस की जा रही है।