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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : गौरीकुंड हाईवे पर एक आपातकालीन स्थिति में एक साधारण महिला असाधारण बन गई। लक्ष्मी, जो हाईवे किनारे एक छोटी सी दुकान चलाती हैं, शनिवार को उस वक्त देवदूत बनकर सामने आईं जब एक हेलीकॉप्टर तकनीकी खराबी के चलते उनकी दुकान के पास आपात लैंडिंग कर गया। हेलीकॉप्टर में बैठे यात्रियों की जान बचाने में लक्ष्मी ने साहस और सूझबूझ का ऐसा परिचय दिया जिसे लोग लंबे समय तक याद रखेंगे।

तेजी से घूमती पंखुड़ियों के बीच दिखाया साहस

जैसे ही हेलीकॉप्टर दुकान के पास उतरा, लक्ष्मी जोरदार आवाज सुनकर अंदर से बाहर भागीं और अपनी बेटी सिया को भी सुरक्षित बाहर ले आईं। उन्होंने देखा कि हेलीकॉप्टर की पंखुड़ियां तेजी से घूम रही थीं और यात्री घबराहट में शोर मचा रहे थे। बिना वक्त गंवाए लक्ष्मी हेलीकॉप्टर की ओर दौड़ीं, दरवाजे खोले और तीन यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। घायल पायलट को बाद में अन्य लोगों की मदद से बाहर निकाला गया।

500 लीटर ईंधन से भरे हेलीकॉप्टर में बड़ा खतरा टला

इस हेलीकॉप्टर में लगभग 500 लीटर पेट्रोल भरा हुआ था। जरा सी चूक एक बड़े हादसे में बदल सकती थी, लेकिन पायलट की समझदारी और लक्ष्मी की हिम्मत ने सबकी जान बचा ली। हेलीकॉप्टर बडासू हेलीपैड से केदारनाथ के लिए रवाना हुआ था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण गौरीकुंड हाईवे पर उसे उतारना पड़ा।

घटना के बाद अफरातफरी, यातायात जाम

हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के दौरान वह एक कार से टकरा गया, जिससे कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और हाईवे पर दोनों ओर डेढ़ घंटे तक लंबा जाम लग गया। पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर यातायात को धीरे-धीरे सामान्य किया। पायलट रविंद्र सिंह सौड़ी को हल्की चोटें आईं और उन्हें तुरंत नारायणकोटी के विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया।

हेली सेवा पर असर नहीं, उड़ानें जारी

हेलीसेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि तकनीकी खराबी के कारण पायलट ने समझदारी से हाईवे पर लैंडिंग कराई, जिससे बड़ा हादसा टल गया। हेलीसेवाएं सामान्य रूप से जारी हैं और इस घटना का कोई असर उड़ानों पर नहीं पड़ा है।