
Prabhat Vaibhav, Digital Desk : अरवल शहर में वर्षों से उठ रही बाईपास की मांग आखिरकार पूरी होने जा रही है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अरवल में 12.8 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड बाईपास के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट पर 6 अरब रुपये से अधिक खर्च आने का अनुमान है।
स्थानीय लोगों की लगातार मांग और शहर में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। पटना-औरंगाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग-139 पर वाहनों की भारी आवाजाही की वजह से शहर में रोज़ाना जाम की समस्या होती है। इस कारण न केवल आम जनजीवन प्रभावित होता है, बल्कि व्यापार भी प्रभावित हो रहा है।
शहर का भगत सिंह चौक, जहां एनएच-33 और एनएच-139 आपस में मिलते हैं, ट्रैफिक का सबसे बड़ा जंक्शन बन गया है। बालू से लदे ट्रकों और भारी वाहनों के कारण यहाँ हर दिन लंबा जाम लगता है। कई बार तो एम्बुलेंस तक को रास्ता दिलवाना ट्रैफिक पुलिस के लिए चुनौती बन जाता है।
स्थानीय व्यापार मंडल ‘चैंबर्स ऑफ कॉमर्स अरवल’ ने भी कई बार बाईपास निर्माण की मांग उठाई थी। अब जब बाईपास बनेगा, तो भारी वाहन शहर में प्रवेश नहीं करेंगे, जिससे नागरिकों को जाम से राहत मिलेगी और व्यवसाय भी सुचारु रूप से चल सकेगा।
एनएच-139 के कार्यपालक अभियंता तुलसी प्रसाद ने जानकारी दी कि यह बाईपास प्रसादी इंग्लिश बाजार से शुरू होकर समाहरणालय, मोथा गांव होते हुए पिपरा बंगला गांव के पास जाकर एनएच-139 से मिलेगा।
उन्होंने बताया कि बाईपास के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जाएगी और फिर भूमि अधिग्रहण का कार्य होगा। निर्माण कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा।