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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला अगले सात से दस दिनों के भीतर तय होने की संभावना है। इसके ठीक पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संभावित सीटों के लिए प्रत्याशियों का फीडबैक लेने का काम तेज कर दिया है। शुक्रवार को उन्होंने इस सिलसिले में लगभग 400 लोगों से मुलाकात की। आने वाले दिनों में यह प्रक्रिया और भी तेज होने वाली है।

जदयू नेतृत्व का मानना है कि लोगों से मिल रहे फीडबैक पर ही पार्टी की टिकट का फैसला सबसे ज्यादा निर्भर करेगा। इस फीडबैक से यह पता लगाया जा रहा है कि पार्टी के मौजूदा विधायकों के प्रति जनता में क्या नाराजगी है। स्थानीय कार्यकर्ताओं से सीधे बातचीत कर यह समझने की कोशिश की जा रही है कि क्षेत्र में लोगों की प्राथमिकताएं क्या हैं।

पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा और प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा भी इस प्रक्रिया में सक्रिय हैं। इस दौरान कई लोगों ने अपनी संभावित उम्मीदवारी के बारे में भी चर्चा की।

हालांकि जदयू नेतृत्व फिलहाल इस मूड में नहीं है कि मौजूदा विधायकों को सीधे बेटिकट किया जाए। उनसे मिली बातों के आधार पर शिकायतों और सुझावों का जवाब दिया जाएगा और आवश्यक सुधार किए जाएंगे। फिर भी कुछ सीटों पर नए उम्मीदवारों की संभावना बन रही है, जिनकी संख्या करीब दस बताई जा रही है।

इसके अलावा, जदयू नेतृत्व यह भी आंकलन कर रहा है कि हाल में शुरू हुई जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर लोग क्या राय रखते हैं। सभी वर्गों के लिए शुरू की गई योजनाओं की सफलता और प्रभाव को लेकर भी फीडबैक लिया जा रहा है।

पार्टी ने हाल ही में अपने जिला प्रभारियों की बैठक भी की थी, जिसमें संभावित प्रत्याशियों और वर्तमान विधायकों के बारे में चर्चा हुई। बैठक में यह बात सामने आई कि 2020 में हारने वाले कुछ विधायकों को इस बार मौका दिया जाना चाहिए। साथ ही लंबे समय से पार्टी सेवा कर चुके विधायकों की जगह युवा नेताओं को अवसर देने का सुझाव भी सामने आया।