Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
कैबिनेट मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया को लेकर कई राजनीतिक दलों ने आपत्ति जताई थी, जिन्हें चुनाव आयोग को सुनना चाहिए था।
मान ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “ऐसा न हो कि जहां किसी और को वोट पड़ रही हो, वहां उनकी वोट काट दी जाए। यह तो लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा होगा।”
प्रधानमंत्री मोदी पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बाढ़ की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय न मिलने पर तंज कसा।
उन्होंने कहा, “वो प्रधानमंत्री हैं, लेकिन आजकल बिहार में चुनावी रैलियों में व्यस्त होंगे। अगर हमें मिलने का समय नहीं मिल रहा तो हम खुद बिहार चले जाएंगे — पटना, गया या समस्तीपुर, जहां भी बुला लें।”
मान ने कहा कि राज्य की समस्याओं पर चर्चा के लिए उन्हें प्रधानमंत्री से मिलने का अवसर मिलना चाहिए, लेकिन चुनावी व्यस्तता के कारण संवाद नहीं हो पा रहा है।
दिल्ली के प्रदूषण पर भी बोले सीएम मान
दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के आरोपों पर जवाब देते हुए भगवंत मान ने कहा कि “दिल्ली का प्रदूषण उत्तर से दक्षिण की ओर चलने वाली हवा पर निर्भर है, जो अभी नहीं चल रही। ऐसे में पराली जलाने को लेकर पंजाब के किसानों को दोष देना अनुचित है।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे समझ नहीं आता कि प्रदूषण दिल्ली पहुंचते ही क्यों रुक जाता है, क्या उसे कनॉट प्लेस ज्यादा पसंद है?”
सीएम ने कहा कि यह पंजाब के किसानों को राजनीतिक रूप से बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री सभी अनाज उत्पादक राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाएं, ताकि मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके।
एनजीटी के जज का भी समर्थन
भगवंत मान ने बताया कि हाल ही में एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) के एक जज ने भी कहा था कि दिल्ली में प्रदूषण बढ़ाने में पंजाब के किसानों की कोई बड़ी भूमिका नहीं है। उन्होंने दोहराया कि “किसानों पर उंगली उठाना आसान है, लेकिन समाधान ढूंढना सरकार की जिम्मेदारी है।”




