Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत के चुनाव आयोग द्वारा किए गए विशेष गहन संशोधन (SIR) के बाद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। पश्चिम बंगाल और राजस्थान सहित कई राज्यों की मतदाता सूची के मसौदे से लाखों नाम गायब हो गए हैं। पश्चिम बंगाल में 58 लाख और राजस्थान में 42 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने से हंगामा मच गया है। इनमें मृत और पलायन कर चुके लोग भी शामिल हैं। यदि आपका नाम भी सूची से हटा दिया गया है, तो आपको 15 जनवरी 2026 तक इसे सुधारने का मौका दिया गया है।
देश में निष्पक्ष चुनाव कराने और फर्जी मतदान को रोकने के लिए चुनाव आयोग लगातार सक्रिय है। हाल ही में, 4 नवंबर से 11 दिसंबर तक चले विशेष गहन संशोधन (SIR) की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आयोग ने विभिन्न राज्यों की संशोधित मतदाता सूची जारी की है। इस सूची से बड़ी संख्या में नाम हटा दिए गए हैं, जिससे पता चलता है कि सूची में कितने डुप्लिकेट और मृत मतदाता थे।
पश्चिम बंगाल में ऐतिहासिक गिरावट
सबसे ज्यादा हलचल पश्चिम बंगाल में देखने को मिली है। यहां मतदाता सूची से कुल 58,20,898 नाम हटा दिए गए हैं। इसके साथ ही राज्य में मतदाताओं की कुल संख्या 7.66 करोड़ से घटकर 7.08 करोड़ हो गई है। हालांकि, बंगाल के मतदाता पर्यवेक्षक सुब्रता गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि जिन 30 लाख मतदाताओं का डेटा 2002 की सूची से मेल नहीं खाता, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे लोगों को अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा और मतदाता पहचान पत्र के संबंध में उचित निर्णय लिया जाएगा।
राजस्थान में 42 लाख नामों को सेंसर किया गया
राजस्थान में मतदाता सूची संशोधन कार्यक्रम के तहत सख्त कदम उठाए गए हैं। राज्य के कुल 54.6 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 42 लाख नाम रद्द किए गए हैं। आंकड़ों के अनुसार, लगभग 87.5 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो गई, जबकि 29.6 लाख मतदाता पलायन कर गए। जयपुर जिले में सबसे अधिक नाम रद्द किए गए हैं। इसके अलावा, लगभग 11 लाख संदिग्ध मतदाताओं को नोटिस भेजे गए हैं।
गोवा और अन्य राज्यों की स्थिति
इस अभियान के तहत गोवा में 1 लाख से अधिक नाम और लक्षद्वीप में लगभग 1,400 नाम मसौदा सूची से हटा दिए गए हैं।
अब मतदाताओं के लिए क्या?
चुनाव आयोग ने उन पात्र नागरिकों को एक और मौका दिया है जिनके नाम गलती से मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं और जो नया मतदाता कार्ड बनवाना चाहते हैं। ऐसे मतदाता 16 दिसंबर, 2025 से 15 जनवरी, 2026 तक दोबारा आवेदन कर सकते हैं। लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए स्वच्छ और सटीक मतदाता सूची अत्यंत आवश्यक है।




