Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट चुनाव को लेकर पिछले कुछ समय से विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। कैंपस में चुनाव की घोषणा न होने से कई संगठन और छात्र लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी ओर से चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। फिलहाल वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा रहा है, क्योंकि सीनेट चुनाव में अलग-अलग कैटेगरी—कॉलेज, यूनिवर्सिटी और टेक्निकल संस्थानों के शिक्षक—मतदान करते हैं। इसलिए संबंधित सूची में नाम होना अनिवार्य है।
इसी बीच, नया विवाद तब खड़ा हो गया जब पूर्व सीनेट सदस्य डॉ. इंदरपाल सिंह संधू ने प्रशासन को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि एकेडमिक काउंसिल चुनाव के लिए तैयार की जा रही वोटर लिस्ट से उन शिक्षकों के नाम हटाए जा रहे हैं जिनकी उम्र 58 वर्ष पूरी हो चुकी है।
डॉ. संधू के मुताबिक, जनवरी 2026 में होने वाले एकेडमिक काउंसिल चुनाव को लेकर पंजाब यूनिवर्सिटी ने सभी कॉलेजों को वोटर सूची भेज दी है, लेकिन सूची में सरकारी कॉलेजों के उन शिक्षकों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं जिन्होंने 58 वर्ष की आयु पार कर ली है। जबकि चंडीगढ़ प्रशासन ने पहले ही कॉलेज शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस नियम को नज़रअंदाज़ किया और कई योग्य शिक्षकों के नाम हटा दिए। डॉ. संधू ने रजिस्ट्रार से मांग की है कि 65 वर्ष तक सेवा में रहने वाले सभी शिक्षकों को फिर से वोटर सूची में शामिल किया जाए।
सीनेट चुनाव: अभी भी लंबी प्रक्रिया
पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में कई संगठन जल्द चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि यदि आज भी चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी जाए, तो भी सीनेट गठन में करीब 9 से 10 महीने का समय लगना तय है।
पीयू कैलेंडर के अनुसार, ग्रेजुएट चुनाव क्षेत्र में मतदान के लिए 240 दिन पहले नोटिफिकेशन जारी होना जरूरी है। वोटर लिस्ट अपडेट, संशोधन और अन्य तैयारियों में भी काफी समय लगता है। इस बार ग्रेजुएट चुनाव क्षेत्र में 3.50 लाख से अधिक मतदाताओं को वोट देने का मौका मिलेगा।
27 नवंबर को हाईकोर्ट में अहम सुनवाई
सीनेट चुनाव विवाद को लेकर 27 नवंबर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अहम सुनवाई होगी। सुभाष सहगल की ओर से दायर पीआईएल पर कोर्ट अपना रुख स्पष्ट कर सकता है। इस मामले में पंजाब यूनिवर्सिटी की ओर से सीनियर एडवोकेट सत्यपाल जैन पक्ष रखेंगे।
कैंपस के कर्मचारियों और छात्रों का कहना है कि चुनाव में देरी और बाहरी प्रदर्शनकारियों के कारण कैंपस का माहौल लगातार बिगड़ रहा है और पढ़ाई पर असर पड़ रहा है।




