
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने राज्य पुलिस बल को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्षमताओं से लैस करने की महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह तकनीकी उन्नयन कानून के शासन को बनाए रखने की अटूट प्रतिबद्धता के साथ चलेगा। इस कदम का उद्देश्य यूपी पुलिस को एक अधिक कुशल, सक्रिय और आधुनिक कानून प्रवर्तन एजेंसी में बदलना है।
डीजीपी कृष्ण ने रेखांकित किया कि समकालीन पुलिसिंग चुनौतियों के लिए एआई का एकीकरण महत्वपूर्ण है। पुलिस बल विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए एआई उपकरणों का उपयोग करने में प्रवीण बनने के लिए व्यापक प्रशिक्षण से गुजरेगा, जिसमें उन्नत अपराध का पता लगाना, तेज और अधिक सटीक जांच, और स्मार्ट यातायात प्रबंधन प्रणाली शामिल हैं। इसमें परिष्कृत डेटा विश्लेषण के लिए एआई का लाभ उठाना, संभावित रूप से चेहरे की पहचान करने वाली तकनीकों (फेशियल रिकग्निशन) को शामिल करना और आपराधिक गतिविधियों को पहले से रोकने के लिए प्रिडिक्टिव पुलिसिंग क्षमताओं को बढ़ाना शामिल है।
इस तकनीकी छलांग का समर्थन करते हुए, डीजीपी कृष्ण ने दृढ़ता से दोहराया कि पुलिसिंग के मूल सिद्धांत और कानून के शासन को बनाए रखने की परम आवश्यकता सर्वोपरि रहेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रौद्योगिकी एक सहायक के रूप में काम करेगी, जो पारंपरिक पुलिसिंग तरीकों को पूरी तरह से बदलने के बजाय उन्हें और बेहतर बनाएगी। उन्होंने कहा कि अंतिम लक्ष्य पूरे उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक सुरक्षा और संरक्षा को बढ़ाना है, जिससे पुलिस बल अपने कर्तव्यों में अधिक उत्तरदायी और प्रभावी बन सके।
यह पहल भारत के सबसे बड़े पुलिस बलों में से एक के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का संकेत देती है, जिसका लक्ष्य अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बनाना है। एआई को अपनाकर, यूपी पुलिस अपनी परिचालन क्षमताओं को मजबूत करने, त्वरित न्याय वितरण सुनिश्चित करने और अधिक जन विश्वास बनाने का इरादा रखती है, साथ ही यह भी सुनिश्चित करती है कि कानूनी और नैतिक ढांचे इन शक्तिशाली नई तकनीकों के उपयोग का मार्गदर्शन करें।