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हाल ही में जिला प्रशासन ने आरकेडिया ग्रांट के केहरी गांव में एक ऐसा ही मामला उजागर किया है। यहां ग्राम समाज की 0.1660 हेक्टेयर भूमि पर खतौनी में पुराने त्रुटिपूर्ण रिकॉर्ड के चलते अवैध निर्माण किया जा रहा था। लेकिन उपजिलाधिकारी सदर ने समय रहते इस खेल को पकड़ लिया और मामले पर कार्रवाई शुरू कर दी।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसी भी प्रकार का अतिक्रमण सरकारी भूमि पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसी जमीनों को तुरंत कब्जामुक्त किया जाए। इसी निर्देश पर कार्रवाई करते हुए उपजिलाधिकारी सदर हरिगिरी को पता चला कि केहरी गांव की खतौनी संख्या 02448 में दर्ज खसरा संख्या 67, 141, 146 और 161 को 29 साल पहले ग्राम समाज में निहित करने का आदेश दिया गया था। यह आदेश उत्तराखंड राज्य गठन से पहले का था, लेकिन इसे खतौनी में दर्ज नहीं किया गया।
राज्य गठन के बाद भी इस मामले को अनदेखा किया गया। अब जब जिला प्रशासन ने सरकारी जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त करने की मुहिम चलाई, तो यह मामला सामने आया। जांच में पाया गया कि जमीन पर प्लॉट काटे जा रहे हैं और दो दुकानों का निर्माण हो चुका है। राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर भूमि का निरीक्षण किया और रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है।
उपजिलाधिकारी सदर हरिगिरी ने कहा कि इस भूमि को पूरी तरह से कब्जामुक्त किया जाएगा और इसे विधिवत रूप से ग्राम समाज में दर्ज किया जाएगा। साथ ही भविष्य में दोबारा कब्जा न हो, इसके लिए अधिकारियों को तारबाड़ लगाने के निर्देश भी दिए जाएंगे।
 
                     
                      
                                         
                                 
                                    




