
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को वाराणसी में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में भाग लिया। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय समेत कई वरिष्ठ मंत्री मौजूद रहे।
बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड की भौगोलिक और रणनीतिक स्थितियों को रेखांकित करते हुए कई अहम मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं इसे सामरिक दृष्टि से बेहद अहम बनाती हैं, ऐसे में सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क, संचार, सुरक्षा और रसद आपूर्ति जैसी सुविधाओं का विस्तार जरूरी है। उन्होंने सीमा सड़क संगठन के जरिए अधिक सहयोग की मांग की और वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत पलायन रोकने के लिए गांवों में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का अनुरोध किया।
सीमांत इलाकों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए भारत नेट, 4जी विस्तार और सैटेलाइट संचार सेवाएं शुरू करने की मांग भी की गई। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, और जलवायु परिवर्तन पर अनुसंधान हेतु ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की स्थापना का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया।
धामी ने उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र और आगामी नंदा राजजात (2026) व कुंभ मेला (2027) के आयोजन में केंद्र से सहयोग की मांग की। उन्होंने बताया कि राज्य का अधिकांश हिस्सा पर्वतीय और वन क्षेत्र से घिरा होने के कारण विकास की चुनौतियां हैं, लेकिन इसके बावजूद राज्य की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
राज्य को हाल ही में नीति आयोग की एसडीजी रैंकिंग में पहला स्थान और केयर एज रेटिंग में सुशासन के मामले में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने समान नागरिक संहिता, सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण रोधी कानून, और भू-कानून जैसे सुधारों का उल्लेख करते हुए उत्तराखंड को सुरक्षित और समरस राज्य बनाने के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
धामी ने कहा कि "वोकल फॉर लोकल", संस्कृति, कौशल विकास और आत्मनिर्भरता जैसे अभियानों के जरिए तीन लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया है। राज्य को योग और वेलनेस हब बनाने की दिशा में भी अग्रसर बताया गया, जहां देश की पहली "योग नीति" लागू की गई है। साथ ही, दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन स्थापित करने की योजना का भी जिक्र किया गया।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के सहयोग के लिए आभार जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के नेतृत्व में देश सुरक्षा, सहकारिता और विकास की नई मिसाल गढ़ रहा है और भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।