img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड के लोगों के लिए एक बेहद अच्छी खबर है! सरकारी दफ्तरों के बार-बार चक्कर काटने की परेशानी अब जल्द ही खत्म होने वाली है। मुख्यमंत्री के विजन को आगे बढ़ाते हुए, मुख्य सचिव ने एक बड़े और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट - 'डिजिटल उत्तराखंड प्लेटफॉर्म' का शुभारंभ कर दिया है। यह सिर्फ एक प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि उत्तराखंड को एक स्मार्ट और कुशल राज्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

क्या है 'डिजिटल उत्तराखंड' और यह कैसे बदलेगा चीज़ें?
इस प्लेटफॉर्म का मुख्य मकसद है राज्य में सुशासन (गुड गवर्नेंस) लाना, सरकारी कामों में पारदर्शिता बढ़ाना, बिचौलियों की भूमिका खत्म करना और जनता को तेजी से सुविधाएं मुहैया कराना। अब आपको अपनी ज़रूरत के सर्टिफिकेट, सरकारी योजनाओं का लाभ या शिकायतें दर्ज कराने के लिए अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सब कुछ आपकी मुट्ठी में होगा, एक क्लिक पर!

शुरुआत देहरादून और ऋषिकेश नगर निगम से हुई है, जहाँ इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। यहाँ 'नागरिक सुविधा केंद्र' (City Citizen Utility Services Centres) बनाए गए हैं जो इस डिजिटल बदलाव का केंद्र बनेंगे।

एक जगह, सारी सरकारी सेवाएं:
कल्पना कीजिए, आपके आधार, प्रॉपर्टी आईडी, पहचान पत्र जैसी जानकारियाँ एक ही जगह जुड़ जाएं, तो आपका कितना समय बचेगा! यही इस प्लेटफॉर्म का लक्ष्य है। यह आपको देगा:

पारदर्शिता, जवाबदेही और हर काम तेज गति से:
यह प्लेटफॉर्म सरकारी सेवाओं को 'पेपरलेस' (कागज़-रहित) और 'फेसलेस' (बिना सामने आए) बनाएगा। इसका मतलब है कि कोई बिचौलिया नहीं, कोई देर नहीं, और कोई अनावश्यक परेशानी नहीं। काम पूरी पारदर्शिता से होगा और हर अधिकारी की जवाबदेही तय होगी।

धीरे-धीरे इस प्लेटफॉर्म को देहरादून और ऋषिकेश से आगे बढ़ाकर पूरे राज्य के शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) में लागू किया जाएगा, और अंततः पूरे उत्तराखंड को डिजिटल बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आधुनिक टेक्नोलॉजी, खासकर AI जैसी नई तकनीकों को भी इसमें शामिल किया जाए ताकि सेवाओं की गुणवत्ता और तेजी बढ़ती रहे। यह पहल उत्तराखंड को एक सचमुच 'डिजिटल देवभूमि' बनाने की ओर एक ठोस कदम है।