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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आजकल हर कोई अटैच्ड बाथरूम बनवा रहा है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, कमरे में अटैच्ड बाथरूम बनवाना सही है या गलत? वास्तु शास्त्र में बाथरूम बनवाने के क्या नियम हैं? वास्तु शास्त्र के अनुसार, कमरे में अटैच्ड बाथरूम बनवाना गलत नहीं माना जाता, लेकिन इसे गलत दिशा में बनवाने से वास्तु दोष हो सकता है। कमरे में अटैच्ड बाथरूम बनवाना बिल्कुल सही है, लेकिन इसकी दिशा और जल निकासी वास्तु सिद्धांतों के अनुसार होनी चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में अटैच्ड बाथरूम बनाने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है। इस दिशा में जल निकासी या अशुद्धियों से संबंधित कोई भी स्थान नहीं बनाना चाहिए।

घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में अटैच्ड बाथरूम बनाने से स्थिरता कम होती है। हालाँकि, अगर बेडरूम इसी दिशा में है और बाथरूम की ज़रूरत है, तो टॉयलेट सीट, ड्रेन और एग्ज़ॉस्ट दक्षिण या पश्चिम की दीवार पर लगाना चाहिए।

वास्तु के अनुसार, दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में अटैच्ड बाथरूम बनाना उचित माना जाता है। ये दोनों दिशाएँ अग्नि और वायु तत्वों से जुड़ी हैं। इसलिए, यहाँ बाथरूम होने से ऊर्जा का अवरोध नहीं होता।

अगर बेडरूम के अंदर बाथरूम का दरवाज़ा सीधे बिस्तर पर खुलता है, तो यह समस्या पैदा कर सकता है। बिना हवादार और हमेशा नम रहने वाला संलग्न बाथरूम ऊर्जा की अधिकता पैदा कर सकता है, जिससे थकान, चिड़चिड़ापन और नींद की समस्या हो सकती है।