Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार की सियासत में गरमाहट बढ़ गई है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा है कि अगर राज्य में महागठबंधन की सरकार बनती है तो घोषणापत्र की हर गारंटी तुरंत लागू की जाएगी। इसमें मुफ्त बिजली बिल, अस्पताल सेवाएं, युवाओं को नौकरी, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं और पुरानी पेंशन स्कीम जैसे वादे शामिल हैं।
वे सोमवार को पटना के होटल मौर्य में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। इस दौरान सांसद सैय्यद नासिर हुसैन, मदन मोहन झा, कौकब कादरी, और कुमार अनुपम जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
आरक्षण सीमा बढ़ाने और दलितों के हक में कानून का वादा
डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनते ही आरक्षण की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा, “दलितों और पिछड़ों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सरकार ठोस कदम उठाएगी और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कानून बनाएगी।”
“सत्ता पक्ष नकारात्मक राजनीति में उलझा”
कांग्रेस सांसद सैय्यद नासिर हुसैन ने कहा कि बीते 20 वर्षों से शासन कर रहे गठबंधन ने अपने प्रचार में सिर्फ नकारात्मक राजनीति की है, जबकि महागठबंधन जनता के विकास से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित रहा। उन्होंने कहा कि “नीतीश-भाजपा सरकार जनता के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड रखने से बचती रही और भाषाई मर्यादा को बार-बार तोड़ा।”
“भाजपा का घोषणा पत्र सिर्फ राजनीतिक जुमला”
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा कि कांग्रेस और महागठबंधन अपनी घोषणाओं को ज़मीन पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा-एनडीए का घोषणापत्र पहले की तरह एक राजनीतिक जुमला साबित होगा।
“सरकार बताए, बिहार में कितनी योजनाएं धरातल पर आईं?”
कुमार अनुपम ने सवाल उठाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार को जनता के सामने यह रिपोर्ट देनी चाहिए कि कितनी योजनाएं धरातल पर उतारी गई हैं और वास्तविक विकास कहाँ दिखता है। वहीं, कौकब कादरी ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के नेताओं ने चुनाव प्रचार में शाब्दिक मर्यादा की सभी सीमाएं लांघ दीं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अभय दुबे, संजीव सिंह, जितेंद्र गुप्ता सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता मौजूद रहे।




