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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लखनऊ से भारतीय सेना को बड़ी ताकत मिली है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ में बनी सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप को सेना को सौंपा। यह मिसाइलें अब हमारी सेना के बेड़े को और मजबूत बनाएंगी।

उत्तर प्रदेश में तैयार ये ब्रह्मोस मिसाइलें अब केवल गोला-बारूद तक सीमित नहीं हैं। सरोजिनी नगर, भटगांव में भारत-रूस संयुक्त रक्षा उपक्रम के तहत स्थापित संयंत्र में इन मिसाइलों का निर्माण हो रहा है। 2021 में स्थापित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इकाई में हर साल 80 से 100 मिसाइलें तैयार होंगी। यहां पर ब्रह्मोस का अपडेटेड वर्जन एनजी भी विकसित किया जा सकेगा, जो हल्की और अधिक मारक होगी।

रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने धनतेरस के पावन पर्व पर ब्रह्मोस मिसाइलों के पहले बैच का फ्लैग ऑफ किया। उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड से पहली खेप के रवाना होने से देश में स्वदेशी रक्षा उत्पादन को नई ऊंचाई मिलेगी। इस मौके पर डीजी (ब्रह्मोस) डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी ने मुख्यमंत्री को एक चेक और जीएसटी बिल सौंपा, जिससे राज्य सरकार को राजस्व लाभ शुरू हो गया।

कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने बूस्टर भवन, एयरफ्रेम और एवियोनिक्स भवन, वारहेड भवन और ब्रह्मोस सिम्युलेटर की प्रक्रियाओं का निरीक्षण किया। साथ ही वृक्षारोपण, मोबाइल ऑटोनॉमस लॉन्चर और स्टोरेज ट्रॉली के प्रदर्शन का भी आयोजन हुआ।

लखनऊ ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट ने अपनी नई इंटीग्रेशन और टेस्ट सुविधा के साथ पहली खेप तैयार कर भारतीय सशस्त्र बलों को समर्पित की है। 11 मई 2025 को उद्घाटन के बाद यह यूनिट पूरी तरह संचालन में आई। यहां मिसाइलों की इंटीग्रेशन, टेस्टिंग और गुणवत्ता परीक्षण की सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। इससे उत्तर प्रदेश को निरंतर जीएसटी आय और उच्च कौशल वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मिलेंगे।

उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर की प्रमुख परियोजना
सरोजिनी नगर के भटगांव में यह अत्याधुनिक ब्रह्मोस यूनिट उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। मिसाइलों के असेंबली, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग के सभी कार्य उच्च तकनीकी मानकों के अनुरूप किए जाते हैं। पहली खेप के रवाना होने के साथ ही प्रदेश ने 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' अभियान में सशक्त योगदान दिया है।

उत्तर प्रदेश बनेगा रक्षा और एयरोस्पेस हब
लखनऊ का यह मैन्युफैक्चरिंग सेंटर भारतीय सेना की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करेगा और भविष्य में अंतरराष्ट्रीय निर्यात की मांगों को भी पूरा करने में सक्षम होगा। ब्रह्मोस एयरोस्पेस की नई तकनीकें आने वाले समय में और उन्नत वेरिएंट विकसित करने में मदद करेंगी। इस कदम से उत्तर प्रदेश भारत का अगला एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन हब बनने की दिशा में अग्रसर हो गया है।

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