
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रही भारी बारिश का असर अब गंगा और यमुना नदियों पर साफ नजर आने लगा है। सोमवार को प्रयागराज में दोनों नदियां चेतावनी बिंदु पार कर गईं। अब ये खतरे के निशान से केवल 85 सेंटीमीटर नीचे हैं।
रात तक खतरे का निशान पार करने की आशंका
गंगा और यमुना का जलस्तर प्रति घंटे 5-6 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। अनुमान है कि आज रात तक नदियां खतरे का निशान पार कर सकती हैं। इस बढ़ते पानी ने तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। दो महीने में पांचवीं बार बाढ़ का सामना कर रहे परिवारों को फिर से अपने घर छोड़ने की नौबत आ गई है।
राहत शिविरों में पहुंच रहे सैकड़ों लोग
शहर में सात राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां अब तक लगभग 2,000 बाढ़ पीड़ित शरण ले चुके हैं। बाढ़ से प्रभावित इलाकों में अब तक 12 मोहल्ले और 42 गांव शामिल हो चुके हैं। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।
पांचवीं बार आई बाढ़ से घरों की नींव हिल गई
इस साल गंगा-यमुना में यह पांचवीं बार बाढ़ आई है। शहर के दो दर्जन मोहल्लों और 62 गांवों के लगभग 6,000 घर पानी में डूबने की कगार पर हैं। सोमवार दोपहर तक दोनों नदियों का जलस्तर 83.85 सेंटीमीटर तक पहुंच चुका था। अब तक ढाई हजार से ज्यादा घरों में पानी भर गया है, और सैकड़ों घरों की दीवारों में दरारें आ चुकी हैं।
बाढ़ की लहरों से दीवारें कमजोर
बाढ़ का पानी जब घरों से टकराता है तो दीवारें कमजोर हो जाती हैं। लगातार पांच बार बाढ़ का सामना कर रहे लोगों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। गृहस्थी के नुकसान ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है। मऊ सरैया, नेवादा, गंगानगर, राजापुर, बेली, शंकरगढ़, सलोरी, गोविंदपुर, बघाड़ा, ढरहरिया और दारागंज जैसे इलाकों की बस्तियां पानी में डूब गई हैं। यहां के लोग अब राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं।