
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है। यह हिंदू धर्म का एक ऐसा पर्व है जो 10 दिनों तक चलता है। गणेश चतुर्थी पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
शुभ मुहूर्त में विसर्जन करने से शुभ फल प्राप्त होंगे।
पूरे विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों के जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानियां दूर कर उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। हिंदू धर्म में बप्पा के आगमन के साथ ही विसर्जन का भी विशेष महत्व है।
अगर भगवान गणेश का विसर्जन शुभ तिथि या मुहूर्त पर न किया जाए तो पूजा का शुभ फल प्राप्त नहीं होता। आइए ज्योतिषी नितिका शर्मा से जानते हैं कि किस तिथि को भगवान गणेश का विसर्जन करना शुभ माना जाता है।
ज्योतिषी नितिका शर्मा से जानें विसर्जन का समय
ज्योतिषाचार्य नितिका शर्मा ने बताया कि गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की षोडशोपचार विधि से पूजा करनी चाहिए। इससे भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्तों के जीवन को मंगलमय बनाते हैं। इसीलिए भगवान गणेश को सौभाग्य का दाता भी कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य ने यह भी बताया कि जिस प्रकार भक्ति और विधि-विधान से बप्पा की पूजा की जाती है, उसी प्रकार शुभ तिथि पर भगवान गणेश का विसर्जन भी करना चाहिए। इस पूजा से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
इस शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश का विसर्जन किया जाना चाहिए।
गणेश चतुर्थी पूजा चतुर्थी तिथि से चतुर्दशी तिथि तक मनाई जाती है। यह पूजा पूरे 10 दिनों तक चलती है। इनका विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है। लेकिन अगर कोई भक्त पहले भी विसर्जन करना चाहे, तो वह ऐसा कर सकता है।
अनंत चतुर्दशी के अलावा, आप पंचमी तिथि या अष्टमी तिथि पर भी विसर्जन कर सकते हैं। इसमें कुछ भी अशुभ नहीं है। इनमें से किसी भी तिथि पर विसर्जन करने से पहले बप्पा की आरती अवश्य करें, इससे भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।