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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रेमानंद महाराज आम आदमी से लेकर मशहूर हस्तियों तक, सभी के बीच एक लोकप्रिय संत माने जाते हैं। अनेक भक्त उनके दर्शन के लिए आश्रम आते हैं, वहीं अन्य लोग उनकी रात्रि पदयात्रा का बेसब्री से इंतजार करते हैं। अब भक्तों को प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए रात तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उनकी पदयात्रा का समय बदल गया है। यदि आप भी प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए उनकी पदयात्रा में शामिल होना चाहते हैं, तो यहां नया समय जान लें। 

प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का नया समय

प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा अब दोपहर 2 बजे के बजाय शाम 5 बजे से शुरू होगी। यह बदला हुआ समय भक्तों के लिए सुविधाजनक होगा। प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा वृंदावन स्थित श्री कृष्ण शरणम फ्लैट्स से शुरू होकर श्री राधा केलिकुंज आश्रम तक जाती है। यह पदयात्रा लगभग दो किलोमीटर लंबी है और अनगिनत भक्त उनके दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़े रहते हैं।

प्रेमानंद महाराज की यात्रा प्रतिदिन सुबह 2 बजे शुरू होती थी। लेकिन पिछले शनिवार (20 दिसंबर) से पदयात्रा का समय बदल दिया गया है। अब महाराज के अनुयायी शाम 5 बजे श्री कृष्ण शरणम से साइकिल और कारों से यात्रा के लिए निकलेंगे। 

प्रेमानंद महाराज कौन हैं?

संत प्रेमानंद का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन में उनका नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। प्रेमानंदजी के परिवार में भक्तिमय वातावरण था, जिसका प्रभाव उनके जीवन पर भी पड़ा। वे साधु बनने के लिए घर छोड़कर वाराणसी आ गए, जहाँ उन्होंने अपना जीवन व्यतीत करना शुरू किया।

प्रेमानंदजी महाराज ने दस वर्षों से अधिक समय तक अपने गुरु सद्गुरु देव की सेवा की। गुरुदेव और श्री वृंदावन धाम के दिव्य आशीर्वाद से वे शीघ्र ही पूर्णतः चेतना में लीन हो गए, श्री राधा के चरण कमलों के प्रति अटूट भक्ति विकसित की और श्री राधा रानी की दिव्य शक्ति का अंश बन गए।