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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : देहरादून में रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने जेठ की कड़ी धूप के बीच 'काफल पार्टी' का आयोजन कर सियासी और सामाजिक संदेश दिए। काफल की मिठास के साथ उन्होंने भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' में अद्भुत सफलता के लिए वीर सैनिकों को सलाम करते हुए 22 पूर्व सैनिकों को सम्मानित भी किया।

इस मौके पर पहाड़ों से लगातार हो रहे पलायन के मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए रावत ने कहा कि उत्तराखंड के गांव तेजी से खाली हो रहे हैं और जंगली जानवरों का आतंक बढ़ रहा है। उन्होंने चेताया कि यदि यही स्थिति बनी रही, तो उत्तराखंडी संस्कृति इतिहास की किताबों तक ही सीमित रह जाएगी।

स्थानीय उत्पादों की उपेक्षा पर उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, "वोकल फार लोकल उनके लिए मात्र नारा हो सकता है, लेकिन हमारे लिए यह एक मिशन है।" रावत ने चिंता जताई कि मोटे अनाजों का प्रचार तो खूब हो रहा है, लेकिन मंडुवा, झंगोरा जैसे अनाज नेपाल से खरीदे जा रहे हैं।

हरीश रावत ने उत्तराखंड की परंपराओं और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों को बचाने की अपील की और राज्य सरकार द्वारा 'लिव-इन रिलेशनशिप' को मान्यता देने के कदम को पारंपरिक विवाह संस्कारों के लिए एक बड़ी चुनौती बताया।

इस आयोजन में विधायक प्रीतम सिंह, पूर्व विधायक शूरवीर सिंह सजवाण, मनोज रावत, हीरा सिंह बिष्ट और ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता मौजूद रहे। काफल फल विशेष तौर पर अल्मोड़ा के सल्ट क्षेत्र से मंगाए गए थे, जो स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने का स्पष्ट संदेश था।