
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : कुमाऊं क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बुधवार को व्यापक बारिश हुई। कई जिलों में अंधड़ और ओलावृष्टि के कारण फलों और कृषि फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। अल्मोड़ा में सर्वाधिक 54 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि नैनीताल में 47.5 मिमी, कोश्याकुटौली में 45.5 मिमी, कैंची धाम में 45 मिमी, और बेतालघाट में 40 मिमी बारिश दर्ज हुई।
उत्तराखंड मौसम विभाग के अनुसार सामान्य औसत से छह गुना अधिक वर्षा हुई। प्रदेश का औसत 1.8 मिमी के मुकाबले बुधवार को 11.1 मिमी वर्षा दर्ज हुई। नैनीताल जिले में यह आंकड़ा सामान्य से 26 गुना अधिक रहा। अल्मोड़ा में यह 17 गुना, बागेश्वर और ऊधम सिंह नगर में आठ गुना, और चंपावत में छह गुना अधिक वर्षा हुई। हालांकि, पिथौरागढ़ में सामान्य से कम बारिश दर्ज हुई।
चंपावत के मुख्य कृषि अधिकारी धनपत कुमार ने कहा कि खरीफ फसलों और सब्जियों के लिए बारिश लाभकारी है, लेकिन ओलावृष्टि से फलों की खेती को नुकसान हुआ है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार ग्रीष्मकाल की यह बारिश तापमान नियंत्रण और मिट्टी में नमी बनाए रखने में मददगार साबित होती है।
गुरुवार को कुमाऊं के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहा। हालांकि, शुक्रवार से मौसम में फिर बदलाव की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, 23 से 28 मई के बीच पर्वतीय जिलों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने का अनुमान है। 24, 27 और 28 मई को समूचे प्रदेश में बारिश की संभावना के साथ 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंधड़ और आकाशीय बिजली चमकने का यलो अलर्ट जारी किया गया है।