
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों और प्रमुख संस्थानों जैसे कानपुर हृदय रोग संस्थान और जेके कैंसर इंस्टीट्यूट में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अब इन संस्थानों के प्राचार्य और निदेशक खुद रोजाना अस्पताल का दौरा करेंगे और राउंड के दौरान की फोटो भी भेजनी होगी। किसी भी स्तर पर लापरवाही को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यदि किसी कारणवश प्रमुख अधिकारी राउंड पर नहीं जा पाते हैं, तो उनकी जगह उप प्राचार्य या सीएमएस राउंड लेंगे। इस दौरान सुरक्षा अधिकारी और सफाई सुपरवाइजर भी साथ रहेंगे, जिससे किसी भी कमी को तुरंत ठीक किया जा सके। सुरक्षा को लेकर भी कड़े कदम उठाए जा रहे हैं – गर्ल्स हॉस्टल, इमरजेंसी और अन्य संवेदनशील इलाकों में पूर्व सैनिकों की तैनाती होगी।
डिप्टी सीएम ने यह भी निर्देश दिए हैं कि हॉस्टल और अस्पताल परिसर में CCTV कैमरे लगाए जाएं और इनकी निगरानी का एक्सेस प्राचार्य, सीएमएस, वार्डन और सुरक्षा अधिकारी के मोबाइल पर रहे। यदि सफाई, खाना या लांड्री जैसी सुविधाओं में गड़बड़ी मिलती है तो संबंधित एजेंसी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और पेमेंट में भी कटौती की जाएगी।
आपात स्थिति में इलाज बिना देरी
डिप्टी सीएम ने ट्रॉमा सेंटरों में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की पर्याप्त तैनाती के निर्देश दिए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में मरीजों को तुरंत इलाज मिल सके। 24 घंटे पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी जांच की सुविधा होनी चाहिए, और ब्लड बैंक की कार्यप्रणाली में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। ALS एम्बुलेंस की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए सीएमओ को निर्देशित किया गया है।
आईसीयू और मरीजों की मूलभूत सुविधाएं
गंभीर मरीजों के लिए ICU बेड और ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। मरीजों को दिया जाने वाला भोजन साफ और गुणवत्ता वाला हो, इसके लिए समय-समय पर जांच कराई जाएगी। साथ ही संस्थानों में उपलब्ध सभी चिकित्सा उपकरणों को क्रियाशील बनाया जाएगा।
पीजी सीटों में होगा इजाफा
डिप्टी सीएम ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए NMC के सभी मानकों को पूरा किया जाए और फैकल्टी की नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किए जाएं। संविदा शिक्षकों की भर्ती के लिए समय-समय पर इंटरव्यू कराए जाएं।
आयुष्मान योजना से मरीजों को मिलें राहत
आयुष्मान भारत योजना के बजट का इस्तेमाल मरीजों की सुविधा के लिए किया जाएगा। अस्पतालों में मरीजों को साफ चादरें, तकिए और पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जाएगा ताकि इलाज के साथ-साथ उनके ठहरने की व्यवस्था भी मानवीय और सम्मानजनक हो।