
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म जारी कर दिया है, जिससे नौकरीपेशा वर्ग के लिए टैक्स जमा करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। टैक्स विशेषज्ञों के अनुसार, 14.65 लाख रुपये तक की वार्षिक सीटीसी पाने वाले वेतनभोगी कर्मचारी भी सरल उपायों से अपनी टैक्स देनदारी को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
कम बेसिक सैलरी, ज्यादा टैक्स बचत
चार्टर्ड एकाउंटेंट आशीष रोहतगी और रश्मि गुप्ता ने बताया कि यदि आपकी कुल वार्षिक सीटीसी 14.65 लाख रुपये है, जिसमें 50 प्रतिशत बेसिक सैलरी रखी जाती है, तो बाकी की राशि को अन्य भत्तों और लाभों में विभाजित करके कर देनदारी कम की जा सकती है।
एनपीएस योगदान से टैक्स राहत
कंपनी द्वारा एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) में किया गया 14% योगदान टैक्स फ्री है। आयकर अधिनियम की धारा 80CCD(2) के तहत यह फायदा मिलता है। इस तरह से कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में बेसिक सैलरी का 12% (87,900 रुपये) और एनपीएस के जरिये अतिरिक्त 1,02,550 रुपये तक टैक्स बचाया जा सकता है।
75 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन
न्यू टैक्स रिजीम के तहत 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मान्य है। इसका लाभ लेकर नौकरीपेशा वर्ग अपनी टैक्स देनदारी और कम कर सकता है।
12 लाख तक की आय टैक्स मुक्त
केंद्र सरकार के हालिया बजट में किए गए प्रावधान के मुताबिक न्यू टैक्स रिजीम में सालाना 12 लाख रुपये तक की आय पूरी तरह टैक्स मुक्त रहेगी। इससे अधिक की आय पर आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स देय होगा।
संपत्ति खरीद-बिक्री पर विभाग की कड़ी नजर
आयकर विभाग अब भूमि खरीद-बिक्री करने वाले बिल्डर, डेवलपर और बड़े भूस्वामियों पर सख्त नजर रख रहा है। वित्तीय वर्ष में 30 लाख रुपये से अधिक की प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन करने वाले लोगों से जानकारी मांगी जा रही है। पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया और भागलपुर जैसे इलाकों से बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें विभाग द्वारा नोटिस जारी किए जा रहे हैं।