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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियां दक्षिण एशिया में शांति भंग कर सकती हैं। अमेरिका के प्रमुख थिंक टैंक 'काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस' (सीएफआर) की नवीनतम रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा किया गया है कि वर्ष 2026 में भारत और पाकिस्तान के बीच भीषण युद्ध छिड़ सकता है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और दोनों पक्षों द्वारा बड़े पैमाने पर हथियारों की खरीद इस खतरे को और भी गंभीर बना रही है।

ऑपरेशन सिंदूर और कश्मीर में 30 आतंकवादी सक्रिय हैं।

सीएफआर की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि कश्मीर में आतंकवादी हमलों में वृद्धि से दो परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। भारतीय खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार, भीषण सर्दी के बावजूद जम्मू क्षेत्र में 30 से अधिक पाकिस्तानी आतंकवादी सक्रिय हैं। यह स्थिति किसी भी क्षण विस्फोटक रूप ले सकती है, जिसका अमेरिकी हितों पर भी सीधा प्रभाव पड़ सकता है।

कश्मीर के पीओके में भारतीय वायु सेना के हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर'

यह उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के जवाब में, भारत ने 7 मई 2025 को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। इस अभियान में, भारतीय सेना और वायु सेना (आईएएफ) ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में घुसपैठ की और आतंकवादी शिविरों और पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को नष्ट कर दिया। इस घटना के बाद, पाकिस्तान सैन्य रूप से बहुत कमजोर हो गया है।

भारत का 79,000 करोड़ रुपये का मेगा रक्षा सौदा

युद्ध की संभावना को देखते हुए भारत अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेनाओं के लिए 79,000 करोड़ रुपये के अत्याधुनिक हथियारों की खरीद को मंजूरी दे दी है।

सेना के लिए: आवारागर्दी करने वाले बम और घातक पिनाका रॉकेट प्रणाली।

वायुसेना के लिए: एस्ट्रा मिसाइल और SPICE 1000 बम।

नौसेना के लिए: उच्च ऊंचाई वाले लंबी दूरी के ड्रोन सिस्टम। वहीं दूसरी ओर, क्षतिग्रस्त पाकिस्तान ने ड्रोन और वायु रक्षा प्रणालियों के लिए तुर्की और चीन की ओर रुख किया है।

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध का खतरा भी मंडरा रहा है।

रिपोर्ट में न केवल भारत के बीच, बल्कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भी 2026 में युद्ध की संभावना जताई गई है। अक्टूबर से ही 2,600 किलोमीटर लंबी डूरंड लाइन पर तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच लगातार संघर्ष जारी है। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध बेहद खराब स्थिति में हैं। यह सीएफआर रिपोर्ट अमेरिकी विदेश नीति विशेषज्ञों और पूर्व सैन्य अधिकारियों के सर्वेक्षण पर आधारित है।