Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मुशहरी अंचल के कन्हौली विशुदत्त में बिहार सरकार की जमीन से जुड़े दाखिल-खारिज के मामले ने गंभीर रूप ले लिया है। मामले पर जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी पूर्वी, मुजफ्फरपुर की ओर से केस दर्ज करते हुए अपर समाहर्ता को नोटिस भेजा गया था। अपर समाहर्ता (राजस्व) का कहना है कि भूमि सुधार उप समाहर्ता पूर्वी से जांच रिपोर्ट मांगी गई है, पर अब तक जवाब नहीं आया है।
घटना की शुरुआत तब हुई, जब भूमि सुधार उप समाहर्ता ने मुशहरी सीओ महेंद्र कुमार शुक्ला से रिपोर्ट तलब की। सीओ ने तत्कालीन राजस्व कर्मचारी मनोहर कुमार से जांच का विवरण मांगा, लेकिन उन्होंने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। इसी दौरान मनोहर कुमार का स्थानांतरण हो गया और कन्हौली क्षेत्र का प्रभार विकास कुमार द्वितीय को दे दिया गया। यहीं से मामला ठप पड़ गया और रिपोर्ट आज तक लंबित है।
इस मामले के शिकायतकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता देवव्रत कुमार साहनी का आरोप है कि तत्कालीन मुशहरी सीओ सुधांशु शेखर, नागेंद्र कुमार समेत कई अधिकारियों ने सरकारी, खासमहाल और काबिल लगान वाली जमीनों का फर्जी दाखिल-खारिज कर दिया। उनका कहना है कि नकली कागजात के आधार पर बिहार सरकार की जमीन को भूमाफियाओं के नाम पर ऑनलाइन जमाबंदी करा दी गई। शिकायत में कई बिचौलियों के नाम भी शामिल किए गए हैं।
साहनी के अनुसार कन्हौली का खाता संख्या 281, खेसरा 165/1125 बिहार सरकार के नाम दर्ज है और इसकी प्रकृति ‘नदी’ है। इसके बावजूद, राजस्व कर्मचारी कैलाश प्रसाद मंडल द्वारा परिमार्जन रिपोर्ट में इसे सरकारी जमीन बताया जाने के बाद भी राजस्व कर्मचारी अंगद कुमार ने दाखिल-खारिज संख्या 1556/24-25 अन्नू कुमारी और जालंधर कुमार के नाम कर दिया।
शिकायतकर्ता बताते हैं कि उन्होंने डीएम, आयुक्त, राजस्व मंत्री, मुख्य सचिव, निगरानी महानिदेशक से लेकर मुख्यमंत्री तक को ईमेल भेजकर शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
इस बीच हल्का प्रभारी विकास कुमार द्वितीय ने कहा है कि जांच रिपोर्ट जल्द ही प्रस्तुत की जाएगी। उधर सीओ महेंद्र कुमार शुक्ला से संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।




