
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे का मसला अभी पूरी तरह सुलझा नहीं है, वहीं जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने गठबंधन के सामने एक नई और अहम शर्त रख दी है। सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू की मांग है कि बीजेपी समेत एनडीए में शामिल सभी दल आधिकारिक तौर पर न सिर्फ बीजेपी, बल्कि नीतीश कुमार को भी मुख्यमंत्री पद का संयुक्त चेहरा घोषित करें। जेडीयू का मानना है कि सिर्फ 'नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने' की बात करना काफी नहीं है। इस सियासी तनातनी के बीच बीजेपी ने उम्मीदवारों की लिस्ट का ऐलान कर दिया है, वहीं जेडीयू ने गुपचुप तरीके से सिंबल बांटने शुरू कर दिए हैं। खबरें हैं कि नीतीश कुमार एलजेपी (आर) को 29 सीटें मिलने से नाराज हैं और 'बड़े भाई' की भूमिका निभाना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर गठबंधन में गर्माहट है।
बिहार की राजनीति में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन के भीतर तनाव सतह पर आ गया है। सीट बंटवारे का मामला अभी पूरी तरह सुलझा भी नहीं है कि जेडीयू ने अब नेतृत्व के मुद्दे पर नई और सीधी शर्त रख दी है।
सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू ने साफ कर दिया है कि वह सिर्फ नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए द्वारा लड़े जा रहे चुनाव से संतुष्ट नहीं है। जेडीयू की अहम शर्त यह है कि बीजेपी समेत गठबंधन में शामिल सभी दल आधिकारिक तौर पर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद के लिए अपना साझा चेहरा घोषित करें।
सीट बंटवारे पर असंतोष और जेडीयू की गुप्त कार्रवाइयां
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस शर्त के पीछे नीतीश कुमार की नाराज़गी है। एनडीए में घोषित सीट बंटवारे के तहत, भाजपा और जदयू दोनों 101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जो 'जुड़वाँ भाई' के फॉर्मूले की ओर इशारा करता है। हालाँकि, सूत्रों का दावा है कि नीतीश कुमार इस बराबरी के फॉर्मूले को पसंद नहीं करते और गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका निभाना चाहते हैं।
इसके अलावा, चिराग पासवान की लोजपा (आर) को 29 सीटें मिलने की संभावना है, जिसका असर जदयू की पारंपरिक सीटों पर पड़ने की संभावना है, यही वजह है कि नीतीश कुमार नाखुश हैं। इस असंतोष का एक संकेत यह है कि जहाँ भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, वहीं जदयू ने बिना औपचारिक घोषणा किए एक दर्जन से ज़्यादा उम्मीदवारों को सिंबल बाँटना शुरू कर दिया है, और कई उम्मीदवारों ने नामांकन भी दाखिल कर दिया है। मुख्यमंत्री आवास पर नीतीश कुमार की कई बैठकों से भी यह पता चलता है कि वह सीट बंटवारे के कई पहलुओं से असहमत हैं।