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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण देश के कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। IMD के अनुसार, अगले 24 घंटों में उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जिससे पूर्वोत्तर भारत के इलाकों समेत देश के कई हिस्सों में तेज़ हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। इस बारिश का असर ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, विदर्भ और पश्चिमी मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में देखने को मिलेगा। इस लेख में हम जानेंगे कि यह सिस्टम किन राज्यों पर और कब असर डालेगा।

देश के विभिन्न राज्यों में भारी बारिश का अनुमान

भारत के कई हिस्सों में मानसून की बारिश अभी भी जारी है, वहीं भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने एक नया पूर्वानुमान जारी किया है। IMD के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिससे आने वाले दिनों में विभिन्न राज्यों में बारिश होगी।

पूर्वी और मध्य भारत पर प्रभाव

बंगाल की खाड़ी में बन रहा यह दबाव मुख्य रूप से पूर्वी और मध्य भारत के राज्यों को प्रभावित करेगा। पूर्वानुमान के अनुसार, इन क्षेत्रों में भारी वर्षा होने की संभावना है:

  • ओडिशा: 23 से 27 सितंबर तक।
  • झारखंड, छत्तीसगढ़ और विदर्भ: 24 से 27 सितंबर तक।
  • पश्चिमी मध्य प्रदेश: 21 से 22 सितंबर के बीच।
  • बिहार: 25 से 27 सितंबर तक।
  • गंगा पश्चिम बंगाल: 22 और 23 सितंबर के दौरान।
  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह: 24 और 25 सितंबर के दौरान।

आईएमडी ने कहा है कि इस सिस्टम का असर पूर्वोत्तर भारत के राज्यों पर भी पड़ेगा। असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी 21 से 27 सितंबर के बीच भारी बारिश होने की संभावना है।

दक्षिण और पश्चिम भारत में बारिश का अनुमान

बंगाल की खाड़ी में बने इस सिस्टम का असर दक्षिण और पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में भी देखने को मिलेगा।

  • केरल: 22, 26 और 27 सितंबर के दौरान।
  • रायलसीमा: 21, 26 और 27 सितंबर के दौरान।
  • कोंकण और गोवा: 22, 25 और 27 सितंबर तक।
  • तटीय कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और यनम: 21 से 23 और 26 से 27 सितंबर तक।

इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले सप्ताह महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। गुजरात में भी 22 और 23 सितंबर को बारिश की संभावना जताई गई है। इन पूर्वानुमानों को ध्यान में रखते हुए, संबंधित राज्यों की सरकारों और नागरिकों को एहतियाती कदम उठाने की ज़रूरत है।