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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : क्या आप कभी-कभी बिना किसी स्पष्ट कारण के उदास, चिड़चिड़े या थके हुए महसूस करते हैं? क्या आपको ऐसा लगता है कि आप कुछ भी नहीं करना चाहते हैं और आपके जीवन में कुछ कमी है? हम अक्सर इन लक्षणों को "तनाव" या "काम के दबाव" के रूप में नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन कभी-कभी इसके पीछे का कारण विटामिन की कमी हो सकती है।
दरअसल, भावनात्मक उतार-चढ़ाव और डिप्रेशन सिर्फ मानसिक या भावनात्मक समस्याओं के कारण ही नहीं होता, बल्कि शारीरिक पोषण की कमी, खासकर विटामिन की कमी भी इसके पीछे एक बड़ी वजह हो सकती है। आइए जानें कि किस विटामिन की कमी से डिप्रेशन हो सकता है और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है।
विटामिन डी
आज के समय में, खासकर शहरी जीवनशैली में, विटामिन डी की कमी बहुत आम हो गई है। यह विटामिन न केवल हड्डियों के लिए बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ज़रूरी है।
विटामिन बी 12
विटामिन बी12 तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसकी कमी से मूड स्विंग, एकाग्रता की कमी और ऊर्जा में कमी हो सकती है। यह भ्रम, भूलने की बीमारी, कमजोरी और उदासी का कारण बन सकता है।
इन विटामिनों की कमी को कैसे दूर करें?
विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए प्रतिदिन सुबह कम से कम 20 मिनट तक धूप सेंकें। अपने आहार में अंडे की जर्दी, मछली और हरी सब्जियां शामिल करें।
विटामिन बी 12
मांसाहारियों के लिए: मांस, मछली, अंडे, शाकाहारियों के लिए: दही, दूध, पनीर और पौष्टिक खाद्य पदार्थ, डॉक्टर से कब संपर्क करें?
यदि आप लगातार उदासी, चिंता, नींद की समस्या या जीवन में निराशा का अनुभव कर रहे हैं, तो पोषण के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करना भी महत्वपूर्ण है।
डिप्रेशन सिर्फ़ एक मानसिक स्थिति नहीं है, बल्कि कई बार यह हमारे शरीर में आंतरिक पोषण संबंधी कमियों का भी संकेत होता है। विटामिन डी, बी12 और फोलेट की कमी हमारे मूड और सोचने की क्षमता पर गहरा असर डाल सकती है। हम सही खाना खाकर, भरपूर धूप में रहकर और नियमित जांच करवाकर अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। क्योंकि स्वस्थ दिमाग ही खुशहाल जीवन की कुंजी है।