Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवरात्रि और दिवाली के त्योहारों पर गुजरात समेत पूरे देशवासियों को स्वदेशी 4G नेटवर्क का बड़ा तोहफा दिया है। बीएसएनएल की रजत जयंती के अवसर पर ओडिशा के झारसुगड़ा से इसका राष्ट्रव्यापी शुभारंभ किया गया। गांधीनगर के महात्मा मंदिर से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय मंत्री मनसुखभाई मंडाविया विशेष रूप से उपस्थित थे। यह शुभारंभ 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जिसके माध्यम से भारत दुनिया के उन 5 देशों में शामिल हो गया है जिनके पास अपना घरेलू 4G दूरसंचार नेटवर्क है।
गुजरात सहित पूरे देश में व्यापक नेटवर्क का विस्तार
बीएसएनएल ने कुल 97,500 नए 4जी साइट्स का उद्घाटन किया है, जिनमें 4जी सैचुरेशन प्रोजेक्ट के तहत 14,000 से ज़्यादा साइट्स शामिल हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात में 4,000 से ज़्यादा 4जी टावर चालू हो चुके हैं, जिनमें से 600 से ज़्यादा टावर सुदूर, दुर्गम और आदिवासी इलाकों में लगाए जाने हैं। इससे राज्य के 11,000 से ज़्यादा गाँवों को स्वदेशी 4जी मोबाइल सेवाओं का लाभ मिलेगा। यह कदम ग्रामीण और सुदूर इलाकों में डिजिटल कनेक्टिविटी लाने के प्रधानमंत्री के संकल्प का प्रतीक है।
आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय गौरव का विषय
केंद्रीय मंत्री मनसुखभाई मंडाविया ने इस लॉन्च को राष्ट्रीय गौरव का विषय बताया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब भारत रक्षा के लिए गोलियाँ तक आयात करता था, जबकि आज देश रक्षा उपकरण निर्यात करता है। कोविड महामारी के दौरान, 16 जनवरी, 2021 को दुनिया को पहली खुराक दिए जाने के एक महीने के भीतर ही, भारतीय वैज्ञानिकों ने एक नहीं, बल्कि दो स्वदेशी टीकों पर शोध किया।
मुख्यमंत्री ने गर्व से कहा कि पहले दुनिया के देश भारत को केवल एक दूरसंचार बाज़ार के रूप में देखते थे, लेकिन अब भारत ने वैश्विक स्तर पर दूरसंचार क्षेत्र में समाधान प्रदाता और साझेदार के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बना ली है। अब 'मेड फॉर इंडिया' की जगह 'मेड इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड' की बात हो रही है।
डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस को सशक्त बनाना
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में सड़क, रेल, मेट्रो, हवाई और संचार जैसे सभी नेटवर्क में क्रांतिकारी बदलाव आया है। डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन आसान हुआ है। अब मोबाइल केवल संचार का साधन नहीं, बल्कि विकास और प्रगति का माध्यम बन गया है।
- किसान खेत में खड़े होकर मौसम के नक्शे और वर्तमान फसल की कीमतें देख सकते हैं।
- छात्र घर पर ही अध्ययन कर सकते हैं।
- जनधन-आधार-मोबाइल (JAM) त्रिमूर्ति के माध्यम से गरीबों को सीधे उनके अधिकार मिल रहे हैं।
- ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के कारण गुजरात में 14,000 से अधिक ई-ग्राम केंद्रों पर 320 से अधिक सेवाएं उपलब्ध हैं।
केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने भारत की विविध भौगोलिक परिस्थितियों (जैसे 3,000 किलोमीटर लंबी हिमालय पर्वत श्रृंखला, 7,000 किलोमीटर से अधिक लंबी तटरेखा और 50 डिग्री तापमान) में स्वदेशी तकनीक की उपयोगिता पर भी ज़ोर दिया। बीएसएनएल की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य विषय था 'गर्व से कहो ये स्वदेशी है', जो देश की आत्मनिर्भरता की भावना को पुष्ट करता है।
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