
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से फ़ोन पर बात की। बातचीत के दौरान, दोनों नेताओं ने भारत और इटली के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों और रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने पर ज़ोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते में तेज़ी लाने और IMEEEC (भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा) के ज़रिए संपर्क बढ़ाने में इटली के सहयोग की सराहना की। इसके अलावा, यूक्रेन संघर्ष को जल्द से जल्द ख़त्म करने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।
रणनीतिक साझेदारी और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर अपनी बातचीत का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि मेलोनी के साथ उनकी बातचीत बेहद फलदायी रही। दोनों नेताओं ने भारत और इटली के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने की अपनी संयुक्त प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को जल्द से जल्द समाप्त करने में साझा रुचि व्यक्त की। दोनों देशों के बीच संबंधों को मज़बूत करने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी।
भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता और आर्थिक सहयोग
वार्ता में IMEEEC और भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) जैसे आर्थिक मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने और IMEEEC के माध्यम से संपर्क बढ़ाने में इटली के सक्रिय सहयोग के लिए प्रधानमंत्री मेलोनी का धन्यवाद किया। यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब यूरोपीय संघ का एक दल व्यापार वार्ता के लिए 8 सितंबर को दिल्ली पहुँच रहा है। खबरों के अनुसार, भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल 12 सितंबर को यूरोपीय संघ के व्यापार आयुक्त से मुलाकात कर FTA पर हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे।
व्यापार और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की भूमिका
डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ लगाने के फैसले के बाद भारत ने कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत तेज कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यूरोपीय संघ के साथ यह नया व्यापार समझौता भारत के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। 2023-24 में भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार 137.41 अरब डॉलर का था और नए समझौते से इस आंकड़े में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। इस समझौते से भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपनी स्थिति मजबूत कर सकेगा। हालाँकि, ये मुक्त व्यापार समझौते घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के लिए एक चुनौती भी पेश करेंगे। आर्थिक समझौतों पर चल रही बातचीत दर्शाती है कि भारत वैश्विक व्यापार में अपनी भूमिका को और अधिक सक्रिय और व्यापक बना रहा है।