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(राज्य में हाई अलर्ट)
दक्षिण भारत का केरल एक ऐसा राज्य है जो वायरस फैलने को लेकर हाई रिस्क पर रहता है। अगर हम बात करें साल 2020 में तो कोरोना महामारी की शुरुआत केरल से ही हुई थी। अब एक बार फिर केरल में निपाह वायरस देशभर में चिंता बढ़ा रहा है। कुछ दिनों से केरल में निपाह वायरस खतरनाक होता जा रहा है। अब तक पांच मरीज सामने आए हैं।
निपाह के सम्पर्क में आने वाले 700 लोगों में भी संक्रमण की आशंका व्यक्त की गई है। इनमें से 77 मरीजों के हाई रिस्क में होने की आशंका है। राज्य में दो मरीजों के मौत भी निपाह वायरस के संक्रमण के चलते हुई है। मंत्री ने यह भी आशंका जाहिर की है कि पूरे राज्य में इंफेक्शन फैलने का खतरा है। संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य ने कई उपाय किए हैं। हाई रिस्क कैटेगरी में रखे गए लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कोझिकोड में निपाह वायरस के एक नए मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रदेश में मरीजों की कुल संख्या पांच हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी आशंका जाहिर की है कि पूरे राज्य में इंफेक्शन फैलने का खतरा है। संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य सरकार की ओर से कई उपाय किए हैं। हाई रिस्क कैटेगरी में रखे गए लोगों को घर में रहने का निर्देश दिया गया है जबकि मरीजों के संपर्क में आए 700 लोगों को भी सोशल डिस्टेंसिंग का आदेश दिया गया है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, इस बार निपाह वायरस बांग्लादेश से फैला है।
वायरस के इस वैरिएंट की संक्रमण क्षमता तो कम है लेकिन डेथ रेट बहुत ज्यादा है। पूरे प्रदेश में इस वजह से हड़कंप मच गया है। केरल में सबसे पहले 2018 में निपाह इंफेक्शन फैला था और उस वक्त 18 में से 17 मरीजों की मौत हो गई थी. इसके बाद 2019 और 2021 में भी संक्रमित मरीज मिले थे। एक बार फिर इस वायरस के संक्रमण ने लोगों को सकते में डाल दिया है।
बता दें कि कर्नाटक के दक्षिण कन्नड जिले में भी अलर्ट जारी किया गया है। कोझिकोड के जिला अधिकारी ए गीता ने सात पंचायतों में सभी शिक्षण संस्थान, आंगनबाड़ी केंद्र, बैंक और सरकारी संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है। सुबह सात से शाम पांच बजे तक सिर्फ दवाइयां और जरूरी चीजों की दुकानें ही खोलने की मंजूरी दी गई है।वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसकी पुष्टि बीते मंगलवार को की थी। जिसके बाद संक्रमण को रोकने के प्रबंध में राज्य सरकार की मदद के लिए विशेषज्ञों की टीम को केरल भेजा गया था।
निपाह जानलेवा वायरस है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है --
क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक निपाह वायरस, एक जानलेवा वायरस है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। यही वजह है कि इसे जूनोटिक वायरस भी कहा जाता है। यह मुख्य रूप से फ्रूट बेट्स से फैलता है, जिसे उड़ने वाली लोमड़ी के नाम से भी जाता है। हालांकि, चमगादड़ के अलावा यह वायरस सूअर, बकरी, घोड़े, कुत्ते या बिल्ली जैसे अन्य जानवरों के जरिए भी फैल सकता है।
यह वायरस आमतौर पर किसी संक्रमित जानवर के शारीरिक तरल पदार्थ जैसे खून, मल, पेशाब या लार के संपर्क में आने से फैलता है। लगभग हर साल एशिया के कुछ हिस्सों, मुख्य रूप से बांग्लादेश और भारत में Nipah Virus का प्रकोप देखने को मिलता है। सबसे पहले इसकी खोज साल 1999 में हुई थी, जहां इस वायरस की वजह से मलेशिया और सिंगापुर में 100 लोगों की मौत हो गई थी। इस वायरस के प्रति संवेदनशील देशों में भारत के अलावा बांग्लादेश, मलेशिया, सिंगापुर, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, फिलीपींस और थाईलैंड आदि शामिल हैं।
आमतौर पर इस वायरस के संपर्क में आने के 4 से 14 दिनों के अंदर लक्षण नजर आने शुरू हो जाते हैं। शुरुआत में पहले बुखार या सिरदर्द और बाद में खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं होती हैं। निपाह वायरस के शुरुआती लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं। बुखार सिरदर्द सांस लेने में कठिनाई खांसी और खराब गला दस्त उल्टी मांसपेशियों में दर्द बहुत ज्यादा कमजोरी आना।गंभीर मामलों में, यह वायरस दिमाग में संक्रमण की वजह बन सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है। इसके गंभीर मामलों में निम्न लक्षण दिखाई देते हैं।