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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में आरक्षण और जातिगत मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखी। उन्होंने कहा कि वह ब्राह्मण जाति से हैं और भगवान का शुक्र है कि उन्हें आरक्षण नहीं मिला। इसके अलावा, उन्होंने जीएसटी और ऑटोमोबाइल उद्योग के साथ-साथ सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भी महत्वपूर्ण टिप्पणियां कीं।

आरक्षण और जाति पर गडकरी का बयान

हाल ही में एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आरक्षण पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, "मैं ब्राह्मण जाति से हूँ और भगवान ने हमें आरक्षण न देकर हम पर सबसे बड़ा उपकार किया है।" उन्होंने भारत में विभिन्न जातियों के प्रभाव का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ब्राह्मणों का महत्व कम है, जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार में उनका महत्व और प्रभाव कहीं ज़्यादा है। गडकरी ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि जब वे उन राज्यों का दौरा करते हैं, तो उन्हें दुबे, मिश्रा और त्रिपाठी जैसे उपनाम वाले लोगों का दबदबा दिखाई देता है। उन्होंने इसकी तुलना महाराष्ट्र में मराठा जाति के प्रभाव से की।

जीएसटी और ऑटोमोबाइल उद्योग पर गडकरी के विचार

गडकरी ने एबीपी रीशेपिंग इंडिया कॉन्क्लेव में बताया कि भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग देश और राज्य को सबसे ज़्यादा जीएसटी राजस्व देता है। उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती बिक्री का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री 15 प्रतिशत ज़्यादा है। इससे प्रदूषण कम होगा और भविष्य में इलेक्ट्रिक और पेट्रोल-डीज़ल वाहनों की कीमतें लगभग बराबर हो जाएँगी, जिससे लोग इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए और ज़्यादा प्रोत्साहित होंगे।

सड़क दुर्घटनाओं के मुद्दे पर बात करते हुए, गडकरी ने कहा कि सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जैसे अब कारों में 4 की बजाय 6 एयरबैग अनिवार्य हैं। उन्होंने सड़क सुरक्षा में लोगों की लापरवाही पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि लोग हेलमेट नहीं पहनते और लाल बत्ती पर नहीं रुकते, जो एक गंभीर समस्या है। उन्होंने सुझाव दिया कि बाइक के साथ हेलमेट खरीदना अनिवार्य किया जाना चाहिए और जुर्माने की राशि बढ़ाई जानी चाहिए। गडकरी ने माना कि सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, लेकिन जब तक लोग अपने व्यवहार में सुधार नहीं लाते, सरकार के प्रयास जारी रहेंगे।