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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार में हिजाब विवाद के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दिल्ली यात्रा ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा का माहौल बना दिया है। सोमवार को नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अलग-अलग मुलाकात की। इन बैठकों को बिहार की राजनीति, केंद्र–राज्य संबंध और आगामी रणनीतियों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री से हुई मुलाकात
नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री के बीच करीब 30 मिनट तक बातचीत हुई। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी मौजूद थे। तीनों नेताओं का एक ही कार से प्रधानमंत्री आवास पहुंचना राजनीतिक दृष्टि से संदेश माना जा रहा है। बातचीत में बिहार की राजनीतिक स्थिति, हिजाब विवाद और विकास के मुद्दों पर चर्चा हुई।

अमित शाह से चर्चा
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले। लगभग 20 मिनट चली बैठक में राज्यसभा की संभावित सीटें, बिहार के विकास रोडमैप और केंद्र से मिलने वाली योजनाओं पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। इसके अलावा राज्य की कानून-व्यवस्था और सामाजिक मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

राजद में असंतोष और जदयू के दावे
इन बैठकों के बीच बिहार में सियासी बयानबाजी का दौर भी तेज हो गया। जदयू ने एक बार फिर राजद में टूट का दावा किया। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि कई राजद विधायक असंतोष में हैं और सही समय आने पर बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम संभव है। उन्होंने दावा किया कि राजद के कई विधायक जदयू से संपर्क में हैं और विकल्प तलाश रहे हैं।

हालांकि, राजद ने इन दावों को खारिज किया है। पार्टी का कहना है कि जदयू केवल राजनीतिक दबाव बनाने के लिए ऐसे बयान दे रही है। बावजूद इसके, नीतीश कुमार की दिल्ली यात्रा और जदयू के ताजा दावों ने बिहार की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है।