
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंजाब सरकार ने अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों को बड़ी राहत देते हुए न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। वित्त विभाग (FD) ने एक अभिनव निर्णय लेते हुए NPS के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए पारिवारिक या दिव्यांगता (इनवेलिड) पेंशन का विकल्प चुनने की अनिवार्य शर्त को हटा दिया है। वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने बताया कि इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य उन कर्मचारियों और उनके परिवारों की अनावश्यक परेशानी को कम करना है, जो सेवाकाल के दौरान दिवंगत हो जाते हैं या दिव्यांग हो जाते हैं, खासकर तब जब वे औपचारिक रूप से विकल्प नहीं चुन पाते।
'विकल्प चुनने' की झंझट ख़त्म: NPS के नए नियम का सीधा लाभ!
पंजाब सरकार के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 8 अक्तूबर 2021 को वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देशों के तहत NPS कर्मचारियों को, जो सेवाकाल के दौरान दिवंगत या दिव्यांग हो जाते थे, उन्हें पारिवारिक या दिव्यांगता पेंशन के रूप में अतिरिक्त राहत का प्रावधान था। हालांकि, उस निर्देश की शर्त 6 के अनुसार, कर्मचारियों को निर्धारित समय-सीमा के भीतर यह विकल्प चुनना अनिवार्य था कि वे पारिवारिक/दिव्यांगता पेंशन चाहते हैं या NPS योजना के लाभ। चीमा ने स्वीकार किया कि यह शर्त उन परिवारों के लिए कठिनाई पैदा कर रही थी, जो इस नियम से अनभिज्ञ थे या प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाते थे।
27 जून 2025 का आदेश: कर्मचारियों और उनके परिवारों को मिली बड़ी राहत!
इस समस्या के समाधान के लिए, वित्त विभाग ने 27 जून 2025 को आधिकारिक तौर पर निर्देशों की शर्त 6 को हटा दिया है। वित्त मंत्री ने बताया कि यह फैसला, जो पहले केवल पंजाब सरकार के NPS कर्मचारियों पर लागू था, अब विस्तारित किया गया है। अब यह नियम राज्य के बोर्डों, निगमों, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (PSUs) और राज्य स्वायत्त निकायों (SABs) में कार्यरत NPS कर्मचारियों पर भी लागू होगा। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अब सभी NPS कर्मचारी, बिना किसी औपचारिक विकल्प के इस अतिरिक्त सुविधा के पात्र होंगे। 8 अक्तूबर 2021 के पुराने निर्देशों को 23 जनवरी 2024 को "डायरेक्टोरेट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज एंड डिसइन्वेस्टमेंट (DPED)" के पत्र के माध्यम से राज्य के बोर्डों, निगमों, PSUs और SABs पर भी लागू कर दिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप अब यह बड़ी राहत दी गई है।
बिना किसी रुकावट के मिलेगा लाभ: उद्देश्य वित्तीय सहायता!
चीमा ने इस निर्णय के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस शर्त को हटाकर कर्मचारियों और उनके परिवारों को बिना किसी अड़चन के लाभ प्रदान करना है। लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कठिन समय में, जब परिवार किसी प्रियजन को खो देते हैं या सदस्य दिव्यांग हो जाता है, उन्हें आवश्यक वित्तीय सहायता बिना किसी अतिरिक्त औपचारिक प्रक्रिया के मिल सके। यह कदम कर्मचारी कल्याण के प्रति पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।