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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आपने आखिरी बार अपने घर की अलमारी या डिब्बे में रखी पुरानी दवाओं पर कब ध्यान दिया था? अक्सर हम घर में सिरदर्द, बुखार या किसी पुरानी बीमारी की दवाइयाँ जमा करके रखते हैं, लेकिन समय के साथ ये दवाइयाँ एक्सपायर हो जाती हैं। हैरानी की बात यह है कि ज़्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता कि एक्सपायरी के बाद दवा का क्या करना है। कुछ लोग बिना देखे ही उसे खा लेते हैं, तो कुछ लोग उसे कूड़ेदान में फेंक देते हैं।

इस मुद्दे पर डॉ. अरुण पाटिल का कहना है कि एक्स-ड्रग्स का सही तरीके से निपटान न करने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं और पर्यावरण प्रदूषण हो सकता है।

एक्सपायर हो चुकी दवाओं का क्या करें?

दवा को फ्लश न करें या सीधे कूड़ेदान में न फेंकें।

सिंक में एक्सपायर हो चुकी दवाओं को बहाने या डालने से जल प्रदूषित हो सकता है, जिससे जीवित प्राणियों और पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता है।

नशीली दवाओं के निपटान कार्यक्रम का हिस्सा बनें

प्रमुख शहरों में कई मेडिकल स्टोर और अस्पताल एक्सपायर हो चुकी दवाओं का सुरक्षित तरीके से निपटान करते हैं।

घर पर सुरक्षित रूप से निपटान करें

अगर डिस्पोज़ल सेंटर न हो, तो दवा को मिट्टी, कॉफ़ी पाउडर या चायपत्ती में मिलाकर किसी पुराने पैकेट में डालकर, अच्छी तरह सील करके कूड़ेदान में फेंक दें। डिब्बे और स्ट्रिप्स पर से नाम और एक्सपायरी डेट पेन या स्क्रैचर से मिटा दें, ताकि कोई उसका गलत इस्तेमाल न कर सके।

दवाइयों की समाप्ति तिथि कैसे जांचें?

हर दवा पर MFD (मैन्युफैक्चरिंग डेट) और EXP (एक्सपायरी डेट) लिखी होती है। अगर दवा बंद डिब्बे में भी है, तो भी एक्सपायरी डेट के बाद उसका इस्तेमाल न करें। एक्सपायरी डेट न सिर्फ़ बेअसर होती है, बल्कि शरीर और पर्यावरण दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसलिए, सभी को दवाओं की एक्सपायरी डेट पर ध्यान देना चाहिए और उनका सही तरीके से निपटान करना चाहिए। थोड़ी सी जागरूकता आपको और आपके आस-पास के लोगों को बहुत बड़ी परेशानी से बचा सकती है।