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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में एक विदेशी समेत 26 पर्यटक मारे गए। यह क्रूर घटना 22 अप्रैल को घटी थी। आज इस कायराना आतंकवादी हमले को एक महीना पूरा हो गया है। इस एक महीने में बहुत कुछ घटित हुआ। तेजी से बदलते घटनाक्रम में भारत ने सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया। पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया। पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई और फिर युद्ध विराम की घोषणा भी कर दी गई। पहलगाम हमले की जांच से लेकर भारत के वैश्विक मिशन तक, इस एक महीने में क्या हुआ?

एनआईए पहलगाम हमले की जांच कर रही है।

पहलगाम हमले के अगले ही दिन राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली। एनआईए की टीम ने 23 अप्रैल को इस आतंकी हमले की जांच शुरू की थी। जांच टीम लगातार बैसरन घाटी पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण और पूछताछ करती रही। विदेश मंत्रालय ने संसदीय स्थायी समिति को बताया है कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों और पाकिस्तान स्थित उनके आकाओं के बीच संपर्क था। यह हमला पिछले हमलों के समान है जिसकी जिम्मेदारी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने ली थी। लश्कर-ए-तैयबा का दूसरा नाम टीआरएफ है।

सिंधु जल संधि स्थगित

पहलगाम आतंकवादी हमले के अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। 23 अप्रैल को हुई इस बैठक में पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। भारत ने सिंधु जल संधि को निरस्त कर दिया। यह जानकारी पाकिस्तान को भी दी गई। भारत ने पाकिस्तान से स्पष्ट रूप से कहा था कि जब तक वह आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता, तब तक यह संधि निलंबित रहेगी। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजूद रहे।

अटारी सीमा बंद

भारत ने सीसीएस बैठक में ही एक और बड़ा निर्णय लिया। भारत ने अटारी सीमा को भी बंद करने की घोषणा की। अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करने की घोषणा करते हुए भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए वीज़ा रद्द कर दिए। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सार्क वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को जारी वीजा रद्द करने की जानकारी दी और कहा कि इन वीजा पर भारत आए लोगों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ देना चाहिए। वैध दस्तावेजों के आधार पर भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को 1 मई से पहले देश छोड़ने के लिए कहा गया है।

पहलगाम हमले के अगले ही दिन भारत ने पाकिस्तानी दूतावास के रक्षा या सैन्य, नौसेना और वायु सेना सलाहकारों को अवांछित घोषित कर दिया। इन अधिकारियों को सात दिनों के भीतर भारत छोड़ने को कहा गया। पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ ​​दानिश को सरकार ने 13 मई को अवांछित घोषित कर दिया और भारत छोड़ने को कहा। पहलगाम हमले से एक महीने पहले 21 मई को भारत ने एक पाकिस्तानी अधिकारी को अवांछित घोषित कर दिया था और उसे 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने को कहा था।

सेना ने पाकिस्तान को सबक सिखाया

भारत सरकार ने सेना को आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों सशस्त्र सेनाओं के प्रमुखों, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ लगातार बैठकें कीं। सेना ने 6 और 7 मई की मध्य रात्रि को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर सहित सीमा पार स्थित नौ आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया।

7 मई की रात को भारतीय सेना ने पड़ोसी देश के सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागकर पाकिस्तान के जवाबी हमले के प्रयास को विफल कर दिया। भारतीय सेना के हमले में आधा दर्जन पाकिस्तानी हवाई ठिकाने नष्ट हो गये। सेना का ऑपरेशन सिंदूर चार दिनों तक चला। जब दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बढ़ने लगी तो पाकिस्तानी डीजीएमओ ने अपने भारतीय समकक्ष को बुलाया और युद्धविराम पर सहमति बन गई।

भारत का वैश्विक मिशन, प्रतिनिधिमंडल भेजा गया

पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम की घोषणा हो चुकी है लेकिन भारत अब वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के वैश्विक मिशन में व्यस्त है। भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा पाकिस्तान को दिए गए ऋण का विरोध किया और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एशियाई विकास बैंक से पाकिस्तान को वित्त पोषण रोकने की अपील भी की। अब भारत आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है। प्रतिनिधिमंडल का पहला जत्था भी विदेश पहुंच चुका है।