
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने हाल ही में खुलासा किया कि भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाँच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया था। इस घटना के बाद, जब अमेरिका से पूछा गया कि क्या इस हमले में पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा आपूर्ति किया गया एक F-16 लड़ाकू विमान खोया है, तो अमेरिकी विदेश विभाग ने आश्चर्यजनक रूप से कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उसने इसकी ज़िम्मेदारी पाकिस्तान पर डालते हुए कहा कि इस बारे में पाकिस्तान सरकार से पूछा जाना चाहिए। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका पाकिस्तान के साथ हुए समझौते के तहत अपने सभी F-16 विमानों पर लगातार नज़र रख रहा है।
अमेरिका की चुप्पी और उसके पीछे का कारण:
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब अमेरिकी विदेश विभाग से पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमानों के नुकसान के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट जवाब देने के बजाय कहा, "आप पाकिस्तान सरकार से पूछिए कि उनके एफ-16 लड़ाकू विमान मार गिराए गए या नहीं।" यह जवाब कई सवाल खड़े करता है, क्योंकि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एक विशेष समझौता है। इस समझौते के तहत, पाकिस्तान के लगभग 75 एफ-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव और निगरानी के लिए एक अमेरिकी टीम पाकिस्तान में तैनात है। इसका मतलब है कि अमेरिका को इन विमानों की स्थिति के बारे में सटीक जानकारी होनी चाहिए।
भारतीय वायु सेना का बयान
9 अगस्त, 2025 को बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने घोषणा की कि भारतीय वायु सेना के एस-400 वायु रक्षा प्रणाली ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाँच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया। इसके अलावा, पाकिस्तान के एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल और इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस विमानों को भी निशाना बनाया गया। यह हमला लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से किया गया था। इस ऑपरेशन का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे ड्रोन और मिसाइल हमलों का जवाब देना था।
इससे पहले 2019 में, विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने अपने पुराने मिग-21 विमान से एक आधुनिक पाकिस्तानी F-16 जेट को मार गिराया था, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी। इस घटना ने पाकिस्तान की वायु शक्ति पर सवाल खड़े कर दिए थे और अमेरिका द्वारा आपूर्ति किए गए F-16 जेट की दक्षता पर भी संदेह पैदा कर दिया था।