
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार में इस साल (2025) होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल गरमा गया है। एनडीए की तरफ से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं, जबकि भारत गठबंधन की तरफ से तेजस्वी यादव पक्के दावेदार हैं। लेकिन, सी-वोटर द्वारा हाल ही में किए गए सर्वे के आंकड़ों ने सबको चौंका दिया है। हालांकि ताज कौन पहनेगा यह तो चुनाव के बाद ही साफ होगा, लेकिन जनता का मौजूदा मूड कई संकेत दे रहा है।
तेजस्वी यादव की लोकप्रियता घटी
सी-वाटर के जून 2025 के सर्वे के अनुसार, 35 प्रतिशत लोगों के वोट के साथ राजद नेता तेजस्वी यादव अभी भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। हालांकि, उनकी लोकप्रियता में गिरावट देखी गई है। फरवरी में उनकी लोकप्रियता 41% थी, अप्रैल में यह गिरकर 36% हो गई और अब जून में यह और गिरकर 35% हो गई है। यह 6 प्रतिशत की गिरावट निश्चित रूप से तेजस्वी यादव के लिए चिंता का विषय बन गई है।
प्रशांत किशोर बने जनता की दूसरी पसंद
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता में मामूली सुधार हुआ है। फरवरी में 18 फीसदी लोगों ने उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर चुना था, अप्रैल में यह आंकड़ा गिरकर 15 फीसदी पर आ गया, लेकिन जून में यह फिर बढ़कर 17 फीसदी पर पहुंच गया है।
सबसे बड़ा आश्चर्य जन सूरज के संस्थापक प्रशांत किशोर का प्रदर्शन है। इस सर्वे में वे मुख्यमंत्री पद की दौड़ में दूसरे नंबर पर उभरे हैं। फरवरी में उनकी लोकप्रियता 15% थी, जो अप्रैल में बढ़कर 17% और जून में 18% हो गई। इससे पता चलता है कि प्रशांत किशोर इस चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं और वे अब मुख्यमंत्री पद की दौड़ में लोगों की दूसरी पसंद बन गए हैं।
चिराग पासवान और सम्राट चौधरी की स्थिति
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोकप्रियता में भी इजाफा हुआ है। फरवरी में उन्हें सिर्फ 4 फीसदी लोग पसंद करते थे, अप्रैल में यह आंकड़ा 6 फीसदी था, लेकिन जून में यह बढ़कर 10 फीसदी हो गया है, जो उनके लिए अच्छा संकेत है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की लोकप्रियता में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। फरवरी में उन्हें 8% लोग पसंद करते थे, जो अप्रैल में 13% तक पहुंच गया, लेकिन जून में गिरकर 10% पर आ गया।
इस सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चलता है कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प और अप्रत्याशित होंगे, जिसमें प्रशांत किशोर जैसे नए खिलाड़ी भी सत्ता की दौड़ में मजबूत दावेदार के रूप में उभरेंगे।