
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार विधानसभा में आजकल बहस और आरोपों-प्रत्यारोपों का बाजार खूब गर्म है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच जुबानी जंग तो पिछले कुछ दिनों से खूब सुर्खियां बटोर रही है। लेकिन शुक्रवार को एक ऐसी सनसनीखेज घटना हुई, जिसने न सिर्फ सदन में हड़कंप मचा दिया, बल्कि लोकतांत्रिक गरिमा और विधायकों की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सदन में खड़े होकर एक बेहद गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि सत्ता पक्ष के एक मंत्री या विधायक ने विधानसभा भवन की लॉबी में, यानी जहां अक्सर नेतागण आराम से मिलते-जुलते हैं, वहां RJD के संदेश विधायक अरुण यादव को जान से मारने की धमकी दी! तेजस्वी के मुताबिक, विधायक अरुण यादव से कहा गया कि "अगर प्रधानमंत्री (PM) का नाम लोगे तो मारे जाओगे!"
सोचिए, किसी विधायक को सदन परिसर के अंदर ही इतनी गंभीर धमकी दी जाए, यह कितनी चौंकाने वाली बात है। तेजस्वी यादव ने तुरंत इस मामले को उठाया और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी से इस पर संज्ञान लेने और जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र का मंदिर है और यहां ऐसी घटनाएं कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। यह न केवल विधायक की सुरक्षा का मामला है, बल्कि सदन की पवित्रता का भी।
मामले की गंभीरता को समझते हुए, अध्यक्ष ने तत्काल जांच के आदेश दे दिए। बाद में, वित्त मंत्री और वरिष्ठ BJP नेता विजय कुमार चौधरी ने भी इस घटना को "बहुत गंभीर" बताया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कुछ हुआ है, तो इसकी गंभीरता से जांच की जाएगी और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले को हल्के में नहीं ले रही है।
हालांकि, सत्ता पक्ष की ओर से किसी ने सीधे तौर पर धमकी देने वाले के नाम का खुलासा नहीं किया, लेकिन तेजस्वी के आरोपों ने बिहार विधानसभा के अंदर सुरक्षा और राजनीतिक कटुता के बढ़ते स्तर पर फिर से एक बहस छेड़ दी है। यह देखना बाकी है कि इस जांच में क्या सामने आता है और दोषी कौन साबित होता है।