
Prabhat Vaibhav, Digital Desk: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आशंका जताई है कि केंद्र सरकार जातिगत जनगणना के बाद पिछड़ा वर्ग (OBC) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के आंकड़े पूरी तरह से सार्वजनिक नहीं करेगी। इस मुद्दे पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. मनोज झा ने सोमवार को प्रेस वार्ता में कहा कि यदि सरकार ने आंकड़े छिपाने की कोशिश की, तो जो जन-सैलाब उठेगा, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना से परे होगा।
मनोज झा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा शुरू से ही बहुजन विरोधी रही है और यह आरक्षण की व्यवस्था के खिलाफ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की सोच 'मनुस्मृति' और 'बंच ऑफ थॉट्स' जैसे ग्रंथों से प्रेरित है। उनके अनुसार, सरकार का मकसद जातिगत जनगणना को उसके वास्तविक उद्देश्य से भटकाना है, जिसे राजद हरगिज सफल नहीं होने देगा।
झा ने स्पष्ट किया कि राजद, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और डीएमके जैसी पार्टियां सरकार को मजबूर कर देंगी कि वह जातिगत आंकड़े पूरी पारदर्शिता के साथ जारी करे। उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों के आधार पर ही सामाजिक न्याय और आरक्षण नीति का सही निर्धारण हो सकेगा।
तेजस्वी यादव द्वारा आरक्षण से जुड़ी चिट्ठी का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कोई जवाब न दिए जाने पर झा ने बिहार सरकार की नीयत पर भी सवाल उठाए।
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने भी सरकार को याद दिलाया कि पहले लालू प्रसाद यादव के दबाव में यूपीए सरकार ने जातिगत जनगणना कराई थी, लेकिन बाद में ‘फाइल करप्ट’ होने का बहाना बनाकर आंकड़े जारी नहीं किए गए। उन्होंने चेतावनी दी कि इस बार सरकार को इस तरह बचने नहीं दिया जाएगा।
प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने चिराग पासवान पर निशाना साधते हुए पूछा कि "बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट" का नारा देने वाले चिराग 16 प्रतिशत आरक्षण की कटौती पर चुप क्यों हैं? प्रेस वार्ता में चित्तरंजन गगन, एजाज अहमद, अरुण कुमार यादव और मनोज शर्मा भी मौजूद थे।