
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का कार्य तेज़ी से जारी है, और इसे केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि पूरे भारत के गौरव और वैभव का प्रतीक माना जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने देहरादून में राम मंदिर पर अपनी बात रखते हुए इसी भावना को उजागर किया। उनका कहना था कि राम मंदिर का निर्माण यह दर्शाता है कि भारत की आस्था, श्रद्धा और सम्मान अक्षुण्ण हैं, और यह राष्ट्र के स्वाभिमान को विश्व पटल पर स्थापित कर रहा है।
राय ने देहरादून के आईआरडीई ऑडिटोरियम में भारतीय चित्र साधना द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने बताया कि किस प्रकार राम मंदिर केवल एक ढांचा नहीं, बल्कि सदियों से चली आ रही सांस्कृतिक विरासत का पुनर्जागरण है। उनके अनुसार, मंदिर का निर्माण यह सिद्ध करता है कि भारत अब गुलामी के चिन्हों को पीछे छोड़, अपने समृद्ध इतिहास और मूल्यों को फिर से अपना रहा है।
संगोष्ठी का मुख्य विषय 'भारत: राष्ट्र का बढ़ता स्वाभिमान' था, और चंपत राय ने राम मंदिर को इस बढ़ते स्वाभिमान का एक जीवंत उदाहरण बताया। उन्होंने मंदिर निर्माण से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों और दशकों से चले आ रहे कानूनी संघर्ष का भी जिक्र किया, और अंततः किस प्रकार यह राष्ट्रीय एकता और संकल्प का प्रतीक बनकर उभरा, इस पर प्रकाश डाला। उन्होंने श्रोताओं को मंदिर की स्थापत्य शैली, इसमें प्रयुक्त होने वाली सामग्री, और निर्माण के दौरान बरती जा रही बारीकियों के बारे में भी बताया, जिससे यह मंदिर सदियों तक अक्षुण्ण बना रहे।
चंपत राय के भाषण में यह स्पष्ट संदेश था कि राम मंदिर केवल एक ईंट-पत्थर की इमारत नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की भावनाओं, त्याग और विजय का एक पवित्र प्रतीक है, जो भारत के भविष्य को भी दिशा देगा।