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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बरेली शहर एक बार फिर सुरक्षा के घेरे में है। पिछले सप्ताह हुए उपद्रव को देखते हुए, शुक्रवार की जुमा की नमाज से पहले 8,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी शहर में तैनात कर दिए गए। शहर को पांच सेक्टर में बांटकर हर सेक्टर के लिए एक एएसपी को जिम्मेदार बनाया गया है। कुल मिलाकर 13 सीओ, 700 दारोगा और 2,500 सिपाही समेत अन्य जिलों से आई फोर्स को मुख्य चौराहों और मस्जिदों के आसपास तैनात किया गया।

सतर्कता के तहत गुरुवार दोपहर 3 बजे से शनिवार दोपहर 3 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। अधिकारियों का कहना है कि इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से माहौल बिगाड़ने वाले संदेश फैल सकते हैं। शुक्रवार सुबह से ही संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन से निगरानी शुरू कर दी गई है।

इस बीच दरगाह आला हजरत ने मंगलवार को बयान जारी किया कि किसी पर एकतरफा कार्रवाई न की जाए और निर्दोषों के खिलाफ कार्रवाई का विरोध किया जाएगा। उपद्रव के चलते सुरक्षा बलों ने नए सिरे से फुल सुरक्षा प्लान तैयार किया।

अधिकारियों के अनुसार, निषेधाज्ञा के कारण भीड़ इकट्ठा करना सख्त वर्जित है। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार शाम से ही सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बल तैनात हैं। 8 ड्रोन टीम, 15 क्यूआरटी टीम और दंगा नियंत्रण उपकरणों से लैस टीमें भी सक्रिय हैं। इसके अलावा, स्मार्ट सिटी के 5,000 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है।

पिछले उपद्रव की शुरुआत कानपुर के ‘आइ लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद से हुई थी। 26 सितंबर को जुमा की नमाज के बाद भीड़ ने पुलिस पर फायरिंग की और पेट्रोल बम फेंके। इसमें 22 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। लाठीचार्ज कर स्थिति नियंत्रित की गई और 86 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया। सभी पर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने, पुलिस पर हमला और लूट जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। साथ ही उपद्रवियों के अवैध भवनों की सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी शुरू हो गई।

मस्जिदों से शांति का संदेश

आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने गुरुवार को कहा कि जुमा की नमाज के बाद लोग अपने घर लौटें और धरना-प्रदर्शन का हिस्सा न बनें। उन्होंने इमामों से अपील की कि मस्जिदों से शांति और सद्भाव का संदेश दें। पैगंबर ने कभी भी टकराव की नीति नहीं अपनाई, बल्कि समझौते की राह अपनाई।

दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान हसन खान ने भी अपील की कि प्रशासन का सहयोग करें और जुमा की नमाज के बाद किसी भी तरह की भीड़ का हिस्सा न बनें।