
Prabhat Vaibhav, Digital Desk: गाजीपुर के नंदगंज इलाके के आकुशपुर में स्थित "काशी चाय जायका" नामक ढाबे के संचालक साहिल यादव ने एक अनोखा और भावनात्मक अनुभव साझा किया। साहिल ने बताया कि कुछ दिन पहले देर रात करीब एक बजे एक महिला उनके ढाबे पर आई। उस समय ढाबे पर पहले से एक महिला, एक पुरुष और दो बच्चे मौजूद थे।
वह महिला सीधे उनके पास आई और बोली कि उसका मोबाइल खो गया है, उसे घर पर कॉल करनी है। साहिल ने तुरंत अपना फोन दिया। महिला ने अपने भाई को कॉल किया और “हेलो भाई” कहते ही फफक कर रोने लगी। साहिल ने खुद भी फोन पर बात की और महिला के भाई से ढाबे का पता साझा किया।
महिला की हालत देख साहिल ने उसे पानी दिया और पीछे कुर्सी पर बैठने को कहा। थोड़ी देर बाद फिर से उसके भाई का कॉल आया और उन्होंने अपनी बहन को ढांढस बंधाया और कहा कि वह तुरंत पहुंच रहे हैं। साथ ही उन्होंने साहिल से निवेदन किया कि पुलिस को जानकारी दे दी जाए कि एक महिला, जो शिलॉन्ग से संबंधित है, यहां पहुंची है – इससे पुलिस को बात समझ में आ जाएगी।
साहिल ने बताया कि फोन पर भाई से बात होने के बाद महिला करीब आधे घंटे तक लगातार रोती रही। बाद में जब उन्होंने उससे बात की, तो उसने बताया कि उसकी शादी मई में हुई थी और वह अपने पति के साथ मेघालय घूमने गई थी। वहीं कुछ बदमाशों ने उनके गहने छीनने की कोशिश की, जब उसके पति ने विरोध किया, तो बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी। यह सब देखकर वह बेहोश हो गई।
महिला को इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था कि वह कैसे यहां तक पहुंची। उसके कपड़े साफ-सुथरे थे और देखकर नहीं लग रहा था कि वह कई दिनों से किसी परेशानी में रही हो। महिला ने इतना ही कहा कि उसे कहीं पर ड्रॉप किया गया था, लेकिन कहां – यह उसे याद नहीं।
साहिल ने बताया कि उनका ढाबा 24 घंटे खुला रहता है, शायद इसी वजह से वह महिला वहां आ गई। उसके पास कुछ भी नहीं था। लगभग दो घंटे वह ढाबे पर रही। इस बीच पुलिस भी पहुंची और महिला से सवाल-जवाब किए। जब एक पुलिसकर्मी ने उसकी फोटो लेने की कोशिश की, तो वह असहज हो गई।
सुबह एएलआईयू (LIU) की टीम भी पहुंची और साहिल से पूछताछ की। फिलहाल पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन साहिल की मानवीय संवेदनशीलता ने एक परेशानहाल महिला को कुछ पल की राहत ज़रूर दी।