
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : सावन माह के शुरू होते ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों को साफ निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं के साथ आदर और विनम्रता से पेश आएं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को संबोधित करते समय “सर” या “मैडम” जैसे शब्दों का प्रयोग करें ताकि उन्हें सम्मान का अनुभव हो। यदि किसी पुलिसकर्मी का व्यवहार अनुचित पाया गया, तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
मुंबई से आए विशेषज्ञों की टीम ने मंदिर में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों को बेहतर संवाद और व्यवहार के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया। तीन चरणों में हुई इस काउंसलिंग में यह समझाया गया कि महिला श्रद्धालुओं को बिना किसी आवश्यक कारण के हाथ न लगाएं और सभी के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं।
कमिश्नर ने पुलिसकर्मियों को साफ वर्दी पहनने, पहचान पत्र लगाने, ड्यूटी के दौरान मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग न करने और नशे से दूर रहने का निर्देश दिया। उन्होंने वृद्धों, दिव्यांगों और महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर दर्शन कराने की विशेष व्यवस्था लागू करने को कहा। साथ ही भीड़भाड़ के समय दर्शन व्यवस्था को व्यवस्थित रखने के लिए अलग मार्गदर्शन प्रणाली भी लागू होगी।
ड्यूटी में लगे या चेकिंग के लिए आने वाले किसी भी अधिकारी को नो-व्हीकल ज़ोन में वाहन नहीं लाने के निर्देश दिए गए हैं।
मंदिर परिसर की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए कमिश्नर ने सीसीटीवी कैमरों की स्थिति की समीक्षा की और एंटी-ड्रोन तकनीक के प्रभावी उपयोग पर जोर दिया। प्रवेश द्वारों पर निगरानी बढ़ाने और किसी भी आतंकी या संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई के लिए रैपिड रिस्पांस यूनिट को सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए।
सीसीटीवी कंट्रोल रूम में तैनात पुलिसकर्मियों को भीड़ में मौजूद असामाजिक तत्वों पर नजर रखने और महिला पुलिसकर्मियों को सादे कपड़ों में तैनात कर छेड़खानी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए निर्देश दिए गए।
इस निरीक्षण के दौरान एडिशनल पुलिस कमिश्नर शिवहरी मीणा, डीसीपी काशी जोन गौरव बंशवाल, डीसीपी वरुणा जोन प्रमोद कुमार, डीसीपी सुरक्षा अनिल कुमार यादव, डीसीपी गोमती जोन आकाश पटेल और एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी भी उपस्थित थे।