
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : इटावा में एक कथावाचक की पिटाई के बाद जातीय राजनीति को लेकर उठे विवाद के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लखनऊ के लोकभवन में आयोजित दानवीर भामाशाह जयंती और व्यापारी कल्याण दिवस समारोह के दौरान कहा कि जो लोग जाति के नाम पर समाज को बांटते हैं, वही सत्ता में रहते हुए माफियाओं के सामने झुकते रहे हैं और राज्य की सत्ता को गिरवी रख चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा, "बंटोगे तो कटोगे, एक रहोगे तो नेक रहोगे।" उन्होंने भामाशाह जैसे महापुरुषों के आदर्शों को अपनाने और जातिवाद से ऊपर उठकर समाज की भलाई में योगदान देने की अपील की।
उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में कुछ सरकारें जाति के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करती रहीं। पहले वे नौकरियों में भ्रष्टाचार फैलाते थे और अब समाज को जातियों में बांटने की साजिश कर रहे हैं। योगी ने दावा किया कि उनकी सरकार ने न सिर्फ व्यापारियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा, बल्कि बेटियों की सुरक्षा के लिए भी सख्त कदम उठाए।
उन्होंने 2016 की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जब लखनऊ और सुल्तानपुर में व्यापारियों की हत्या और गोलीबारी हुई थी, उस वक्त सरकारें अपराधियों को बचा रही थीं। वहीं आज उनकी सरकार ऐसे अपराधियों को सीधे यमराज के पास भेजने की चेतावनी दे रही है।
योगी ने ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना की सफलता की चर्चा की, जिसने परंपरागत उद्योगों को नया जीवन दिया और लाखों लोगों को रोजगार मिला। इसके विपरीत, उन्होंने पूर्व सरकारों पर ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया’ मॉडल चलाने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद और डॉ. भीमराव अंबेडकर के उदाहरण देकर कहा कि उनके जीवन में जाति नहीं, बल्कि सहयोग और देशसेवा का भाव प्रमुख था। विवेकानंद को शिकागो धर्म सम्मेलन में भेजने में दो राजाओं ने सहयोग किया, वहीं अंबेडकर को विदेश में पढ़ाई के लिए वडोदरा के राजा ने छात्रवृत्ति दी।
भामाशाह का बलिदान और राष्ट्रभक्ति का संदेश
योगी आदित्यनाथ ने दानवीर भामाशाह के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन "राष्ट्र पहले" के भाव का प्रतीक है। जब हल्दीघाटी की लड़ाई में महाराणा प्रताप संसाधनों की कमी से जूझ रहे थे, तब भामाशाह ने अपनी पूरी संपत्ति समर्पित कर दी, जिससे मेवाड़ की आज़ादी की राह फिर से खुली। उनका यह बलिदान सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।
व्यापारी कल्याण दिवस हर जिले में हर साल
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब हर जिले में हर वर्ष व्यापारी कल्याण दिवस आयोजित होगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि प्रदेश के शीर्ष 10 जीएसटी करदाता व्यापारियों को लखनऊ में और जिलों के शीर्ष व्यापारियों को स्थानीय स्तर पर सम्मानित किया जाए। किसी दुर्घटना में घायल होने पर व्यापारी को तुरंत ₹10 लाख की आर्थिक मदद दी जाए।
व्यापारियों से पर्यावरण संरक्षण की अपील
सीएम योगी ने व्यापारियों से पर्यावरण संरक्षण में भागीदारी की अपील करते हुए कहा कि हर जिले में एक नदी के पुनरुद्धार और वृक्षारोपण का अभियान चलाया जाए। उन्होंने ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ का हवाला देते हुए कहा कि धन का सर्वोत्तम उपयोग "दान" है और भामाशाह का जीवन इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
सम्मानित हुए प्रदेश के प्रतिष्ठित व्यापारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2024-25 के लिए सर्वाधिक कर देने और समाज में बेहतरीन कार्य करने वाले व्यापारियों को सम्मानित किया। सम्मान पाने वालों में रचना गर्ग, हेमंत शर्मा, मोहम्मद जावेद सिद्दीकी, अमित निगम, अशोक कुमार गुप्ता, नितेश अग्रवाल, प्रतीश कुमार, राजेश कुमार अग्रहरि, डॉ. मिथिलेश अग्रवाल, अरविंद चतुर्वेदी, अमित गुप्ता, पुष्पदंत जैन, दिनेश गोयल और साहिल गर्ग शामिल थे।