
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध सिख तीर्थस्थल श्री हेमकुंड साहिब के कपाट शनिवार को विधिविधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस पवित्र अवसर पर गुरबाणी, शबद कीर्तन और भक्ति के वातावरण ने हर श्रद्धालु को भावविभोर कर दिया।
‘पंज प्यारों’ की अगुवाई में पहले जत्थे की यात्रा शुरू
कपाट खुलने की प्रक्रिया गोविन्दघाट गुरुद्वारे से शुरू हुई, जहां से ‘पंज प्यारों’ की अगुआई में पहला जत्था रवाना हुआ। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात था और श्रद्धालुओं को अनुशासित रूप में आगे बढ़ाया गया। यह जत्था पहले दिन घांघरिया गुरुद्वारे में विश्राम करता है और अगले दिन सुबह हेमकुंड पहुंचता है।
“बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” के जयकारों से गूंजा वातावरण
रविवार सुबह घांघरिया से रवाना हुए श्रद्धालुओं ने “बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” के जयकारों के साथ हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने की प्रक्रिया में भाग लिया। श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति भाव से गुरुद्वारे में दर्शन किए और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव किया।
लक्ष्मण मंदिर में भी हुई पूजा-अर्चना
हेमकुंड साहिब के पास स्थित लोकपाल मंदिर (लक्ष्मण मंदिर) में भी श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। यह स्थान हिंदू और सिख आस्था का संगम है, जो यात्रियों को आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराता है।
छह महीने चलने वाली यात्रा का शुभारंभ
हेमकुंड साहिब की यह यात्रा हर वर्ष मई-जून में आरंभ होती है और अक्टूबर तक चलती है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से इस पवित्र स्थल के दर्शन के लिए आते हैं।
सुरक्षा व्यवस्था के लिए चमोली पुलिस अलर्ट
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए चमोली पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। यात्रा मार्ग पर निगरानी और मेडिकल सहायता के प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं। पुलिस ने श्रद्धालुओं को यात्रा में सहयोग देने का वादा किया और उनकी सुरक्षा की कामना की।
हेमकुंड ट्रस्ट ने किया सम्मान समारोह
इस अवसर पर हेमकुंड ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र बिंद्रा ने यात्रा व्यवस्था में योगदान देने वाले थानाध्यक्ष विनोद रावत और चौकी प्रभारी अमनदीप सिंह को सम्मानित किया। यह सम्मान सभी सुरक्षा और प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग की सराहना का प्रतीक है।